युगलकिशोर जी की आरती: Difference between revisions

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Jump to navigation Jump to search
[unchecked revision][unchecked revision]
m (Text replace - "{{आरती स्तुति स्त्रोत}}" to "{{आरती स्तुति स्तोत्र}}")
Line 25: Line 25:
{{आरती स्तुति स्तोत्र}}
{{आरती स्तुति स्तोत्र}}
[[Category:आरती स्तुति स्तोत्र]]
[[Category:आरती स्तुति स्तोत्र]]
[[Category:हिन्दू धर्म]] [[Category:हिन्दू धर्म कोश]]  
[[Category:हिन्दू धर्म]] [[Category:हिन्दू धर्म कोश]][[Category:धर्म कोश]]  
__INDEX__
__INDEX__

Revision as of 12:17, 21 March 2014

  • भगवान कृष्ण का पूजन करते समय कुंजबिहारी आरती की स्तुति की जाती है।

[[चित्र:shyam k.jpg|thumb|300|कृष्ण
Krishna]]

आरत्ती युगलकिशोर की कीजै राधे, तन मन धन न्यौछावर कीजै ।
रवि शीश कोटि बदन की शोभा, ताहि निरखि मेरी मनलोभा ।। आरती .....
गौश्याम मुख निरखत रीझै, प्रभुको स्वरुप नयन भर पीजै ।। आरती .....
कंचंनथाल कपुर की बाती, हरि आये निर्मल भई छाती ।। आरती .....
मोर मुकुट कर मुरली सौहै, नटवर वेष देख मन मौहै ।। आरती .....
औढया नील पीत पटसारी, कुंजबिहारी गिरवरधारी ।। आरती .....
श्रीपुरुषोतम गिरवरधारी, आरती करति सकल ब्रजनारी ।। आरती .....
नन्दनन्दन वृषभानु किशोर, परमानन्द स्वामी अवीचल जोरी ।। आरती.....

  1. REDIRECTसाँचा:इन्हें भी देखें


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

संबंधित लेख