हरिकृष्ण प्रसाद गुप्ता अग्रहरि: Difference between revisions
Jump to navigation
Jump to search
[unchecked revision] | [unchecked revision] |
गोविन्द राम (talk | contribs) m (डॉ हरिकृष्ण प्रसाद गुप्ता अग्रहरि का नाम बदलकर हरिकृष्ण प्रसाद गुप्ता अग्रहरि कर दिया गया ...) |
No edit summary |
||
Line 1: | Line 1: | ||
'''डॉ हरिकृष्ण प्रसाद गुप्ता अग्रहरि''' का जन्म [[25 फरवरी]] [[1950]] को परसौनी भाटा, [[नेपाल]] में हुआ । इनहोने [[भारत]] और हंगरी से पी एच डी किया है । | '''डॉ हरिकृष्ण प्रसाद गुप्ता अग्रहरि''' का जन्म [[25 फरवरी]] [[1950]] को परसौनी भाटा, [[नेपाल]] में हुआ । इनहोने [[भारत]] और [[हंगरी]] से पी एच डी किया है । | ||
*इनके अनुसंधात्मक शोध-पत्र बुडापेस्ट विश्व विद्यालय हंगरी द्वारा पुरस्कृत है । | *इनके अनुसंधात्मक शोध-पत्र बुडापेस्ट विश्व विद्यालय हंगरी द्वारा पुरस्कृत है । |
Latest revision as of 13:09, 14 May 2014
डॉ हरिकृष्ण प्रसाद गुप्ता अग्रहरि का जन्म 25 फरवरी 1950 को परसौनी भाटा, नेपाल में हुआ । इनहोने भारत और हंगरी से पी एच डी किया है ।
- इनके अनुसंधात्मक शोध-पत्र बुडापेस्ट विश्व विद्यालय हंगरी द्वारा पुरस्कृत है ।
- इनकी विभिन्न विधाओं में लगभग दो दर्जन पुस्तकें प्रकाशित हैं ।
- ये नेपाल सरकार की सेवा में अभियंता के पद पर कार्यरत हैं ।
- नेपाली साहित्य में आपका योगदान अतुल्यनीय रहा है
- प्रस्तुत है श्री अग्रहरि कि एक कविता -
याद तुम्हारी ले आती है;
रात न जाने क्यों आती है।
शीतलता भी अब तन-मन में;
ना जाने क्यों झुलसाती है।
शाम ढले परछाई हमसे;
चुपके-चुपके बतियाती है।
झील लगे जंगल में जैसे;
पायलिया-सी खनकाती है।
तपते मन पर आँख की बदली;
शीतल आँसू बरसाती है।
कोयल चुप ही रहती है या;
गीत खुशी के ही गाती है।
बीच भँवर में हिम्मत हमको;
जीवन जीना सिखलाती है।
चाक किया जाना है सीना;
धरती फिर भी मुसकाती है।
पी सकता है विष ये 'अग्रहरि' ही;
फौलादी उसकी छाती है।।
|
|
|
|
|
टीका टिप्पणी और संदर्भ
संबंधित लेख