पहेली 4 अक्तूबर 2014: Difference between revisions
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||[[चित्र:Sanchi-Stupa-Sanchi.jpg|right|120px|सांची स्तूप, सांची]][[स्तूप]] एक गुम्दाकार भवन होता था, जो [[बुद्ध]] से संबंधित सामग्री या स्मारक के रूप में स्थापित किया जाता था। सम्राट [[अशोक]] ने भी कई स्तंम्भ बनवाये थे। [[साँची]] का पता सन 1818 ई. में 'जनरल टायलर' ने लगाया था। विश्वप्रसिद्ध [[बौद्ध]] स्तूपों के लिए जाना जाने वाला साँची, [[विदिशा]] से 4 मील की दूरी पर 300 फीट ऊँची पहाड़ी पर स्थित है। प्रज्ञातिष्य महानायक थैर्यन के अनुसार, यहाँ के बड़े स्तूप में स्वयं भगवान बुद्ध के तथा छोटे स्तूपों में भगवान बुद्ध के प्रिय शिष्य 'सारिपुत' (सारिपुत्र) तथा 'महामौद्गलायन' समेत कई अन्य बौद्ध भिक्षुओं के अवशेष रखे हैं।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[स्तूप]] | ||[[चित्र:Sanchi-Stupa-Sanchi.jpg|right|120px|सांची स्तूप, सांची]][[स्तूप]] एक गुम्दाकार भवन होता था, जो [[बुद्ध]] से संबंधित सामग्री या स्मारक के रूप में स्थापित किया जाता था। सम्राट [[अशोक]] ने भी कई स्तंम्भ बनवाये थे। [[साँची]] का पता सन 1818 ई. में 'जनरल टायलर' ने लगाया था। विश्वप्रसिद्ध [[बौद्ध]] स्तूपों के लिए जाना जाने वाला साँची, [[विदिशा]] से 4 मील की दूरी पर 300 फीट ऊँची पहाड़ी पर स्थित है। प्रज्ञातिष्य महानायक थैर्यन के अनुसार, यहाँ के बड़े स्तूप में स्वयं भगवान बुद्ध के तथा छोटे स्तूपों में भगवान बुद्ध के प्रिय शिष्य 'सारिपुत' (सारिपुत्र) तथा 'महामौद्गलायन' समेत कई अन्य बौद्ध भिक्षुओं के अवशेष रखे हैं।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[स्तूप]] | ||
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सामान्य ज्ञान प्रश्नोत्तरी
राज्यों के सामान्य ज्ञान
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