महान्यायवादी: Difference between revisions
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'''महान्यायवादी''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''Attorney | '''महान्यायवादी''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''Attorney General'') अधिकांशत: कॉमन-क़ानून का अनुसरण करने वाले देशों में होता है, जो सरकार का मुख्य सलाहकार होता है। इसके अतिरिक्त कुछ देशों में वह सरकारी वकील के दायित्व का भी निर्वहन करता है। | ||
*[[भारत]] में महान्यायवादी की नियुक्ति [[राष्ट्रपति]] द्वारा की जाती है और राष्ट्रपति ही उसे पद से हटा सकते हैं। | *[[भारत]] में महान्यायवादी की नियुक्ति [[राष्ट्रपति]] द्वारा की जाती है और राष्ट्रपति ही उसे पद से हटा सकते हैं। |
Revision as of 11:19, 30 December 2014
महान्यायवादी (अंग्रेज़ी: Attorney General) अधिकांशत: कॉमन-क़ानून का अनुसरण करने वाले देशों में होता है, जो सरकार का मुख्य सलाहकार होता है। इसके अतिरिक्त कुछ देशों में वह सरकारी वकील के दायित्व का भी निर्वहन करता है।
- भारत में महान्यायवादी की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा की जाती है और राष्ट्रपति ही उसे पद से हटा सकते हैं।
- इस पद के लिए चयनित व्यक्ति में उच्चतम न्यायालय का न्यायाधीश बनने की योग्यता होनी चाहिए।
- देश के महान्यायवादी का कर्तव्य क़ानूनी मामलों में केंद्र सरकार को सलाह देना और क़ानूनी प्रकृति की उन जिम्मेदारियों को निभाना है, जो राष्ट्रपति की ओर से उनके पास भेजी जाती हैं।[1]
- इसके अतिरिक्त संविधान और किसी अन्य क़ानून के अंतर्गत उनका जो काम निर्धारित है, उनका भी पालन महान्यायवादी को पूरा करना होता है।
- अपने कर्तव्य के निर्वहन के दौरान महान्यायवादी को देश के किसी भी न्यायालय में उपस्थित होने का अधिकार है।
- संसद की कार्यवाही में भी भाग लेने का अधिकार महान्यायवादी को प्राप्त है, हालांकि उनके पास मतदान का अधिकार नहीं होता।
- महान्यायवादी के कामकाज में सहायता के लिए 'सॉलिसिटर जनरल' और 'अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल' होते हैं।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ महान्यायवादी (हिन्दी) इंडिया.गवर्नमेंट.इन। अभिगमन तिथि: 07 दिसम्बर, 2014।