बैंक ऑफ़ महाराष्ट्र: Difference between revisions
Jump to navigation
Jump to search
[unchecked revision] | [unchecked revision] |
गोविन्द राम (talk | contribs) No edit summary |
गोविन्द राम (talk | contribs) No edit summary |
||
Line 9: | Line 9: | ||
|शीर्षक 3= मुख्यालय | |शीर्षक 3= मुख्यालय | ||
|पाठ 3= 1501, लोकमंगल, शिवाजीनगर, [[पुणे]], [[महाराष्ट्र]] | |पाठ 3= 1501, लोकमंगल, शिवाजीनगर, [[पुणे]], [[महाराष्ट्र]] | ||
|शीर्षक 4= | |शीर्षक 4=प्रकार | ||
|पाठ 4= | |पाठ 4=सार्वजनिक | ||
|शीर्षक 5=उद्योग | |||
|पाठ 5= वित्त, वाणिज्यिक बैंक | |||
|शीर्षक 5= | |||
|पाठ 5= | |||
|शीर्षक 6= | |शीर्षक 6= | ||
|पाठ 6= | |पाठ 6= | ||
|शीर्षक 7= | |शीर्षक 7=तीन एम (M) | ||
|पाठ 7= | |पाठ 7=धन का संग्रहण (मोबिलाइजेशन ऑफ़ मनी), पद्धतियों का आधुनिकीकरण (मॉर्डनाइजेशन ऑफ़ मेथड्स), कर्मचारियों का प्रेरणा (मोटिव्हेशन ऑफ़ स्टाफ़) | ||
|शीर्षक 8= | |शीर्षक 8= | ||
|पाठ 8= | |पाठ 8= |
Revision as of 11:50, 18 March 2015
बैंक ऑफ़ महाराष्ट्र
| |
विवरण | 'बैंक ऑफ़ महाराष्ट्र' भारत के राष्ट्रीयकृत बैंकों में से एक है। बैंक सरकार के हस्तक्षेप के बिना ही सरल प्रक्रियाओं के साथ अधिक से अधिक सेवाएं देने में मदद करता है। |
स्थापना | 1935 |
राष्ट्रीयकरण | 1969 |
मुख्यालय | 1501, लोकमंगल, शिवाजीनगर, पुणे, महाराष्ट्र |
प्रकार | सार्वजनिक |
उद्योग | वित्त, वाणिज्यिक बैंक |
तीन एम (M) | धन का संग्रहण (मोबिलाइजेशन ऑफ़ मनी), पद्धतियों का आधुनिकीकरण (मॉर्डनाइजेशन ऑफ़ मेथड्स), कर्मचारियों का प्रेरणा (मोटिव्हेशन ऑफ़ स्टाफ़) |
अन्य जानकारी | 'बैंक ऑफ़ महाराष्ट्र' ने लाभ के पहलू की अनदेखी कर सामाजिक बैंकिंग के क्षेत्र में श्रेष्ठता हासिल की है। इसमें ग्रामीण क्षेत्रों की 38 प्रतिशत शाखाओं के साथ प्राथमिकता क्षेत्र के ऋण का एक अच्छा हिस्सा है। |
बाहरी कड़ियाँ | आधिकारिक वेबसाइट |
अद्यतन | 17:18, 18 मार्च 2015 (IST)
|
बैंक ऑफ़ महाराष्ट्र (अंग्रेज़ी: Bank of Maharashtra) भारत के राष्ट्रीयकृत बैंकों में से एक है। प्रारम्भ से ही छोटी इकाइयों को मदद देने के कारण इस बैंक ने आज के कई औद्योगिक घरानों को जन्म दिया है। बैंक ने 1998 में स्वायत्त दर्जा प्राप्त किया था। यह सरकार के हस्तक्षेप के बिना ही सरल प्रक्रियाओं के साथ अधिक से अधिक सेवाएं देने में मदद करता है।
उद्देश्य
- ग्राहकों की अपेक्षानुसार त्वरित और कार्यक्षम कामकाज सुनिश्चित करना।
- समाज के विभिन्न वर्गों के लिए उत्पादन तथा सेवाओं में नवोन्मेष लाना।
- अद्यतन तकनीकियों को निरंतर आधार पर अपनाते रहना।
- सक्रिय, पेशेवर और कार्य में जुटा हुआ कर्मचारी दल।
- सर्वोत्कृष्ट अभ्यास तथा निगमित प्रशासन के ज़रिये शेयरधारियों की सम्पत्ति बढ़ाना।
- शाखाओं के संजाल द्वारा अंतर्राष्ट्रीय क्षेत्र में प्रवेश करना।
- वैश्विक उपस्थिति की दिशा में आगे बढ़ते हुए उमंगभरा, आगे के लक्ष्यों की ओर देखने वाला, तकनीक में दिलचस्पी रखने वाला, समाज के विभिन्न वर्गों के ग्राहकों को ध्यान में रखते हुए सेवा देने वाला तथा शेयरधारियों एवं कर्मचारियों के मूल्य की बढ़ोतरी में संलग्न बैंक बनना।
विशेषताएँ
- बैंक ऑफ़ महाराष्ट्र, यूनीक आइडेंटिफिकेशन अथॉरिटी ऑफ इंडिया (यू.आई.डी.ए.आई.) के लिए पंजीयक बन गया है। 27 अक्तूबर, 2010 को नई दिल्ली में संपन्न एक कार्यक्रम में बैंक और यूनीक आइडेंटिफिकेशन अथॉरिटी ऑफ इंडिया द्वारा समझौते के ज्ञापन (एम.ओ.यू.) पर हस्ताक्षर किए गए थे।[1]
- बैंक 10.00 लाख रुपये की अधिकृत पूंजी के साथ 16 सितम्बर, 1935 को पंजीकृत हुआ था और 8 फ़रवरी, 1936 को इसने सक्रिय रूप से व्यापार शुरू किया।
- अपनी स्थापना के बाद से ही 'बैंक ऑफ़ महाराष्ट्र' को एक आम आदमी के बैंक के रूप में जाना गया।
- छोटी इकाइयों को प्रारंभिक मदद देने के कारण बैंक ने आज के कई औद्योगिक घरानों को जन्म दिया है।
- 1969 में राष्ट्रीयकरण के बाद बैंक का तेजी से विस्तार हुआ। अब इसकी पूरे भारत में (31 मार्च, 2008 के अनुसार) 1375 शाखाएँ है।
- महाराष्ट्र में किसी भी सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक की तुलना में 'बैंक ऑफ़ महाराष्ट्र' सबसे ज्यादा शाखाओं के नेटवर्क वाला बैंक है।
- बैंक की स्थापना स्वर्गीय वी. जी. काले और स्वर्गीय डी. के. साठे के नेतृत्व में स्वप्नदर्शी व्यक्तियों के समूह द्वारा की गयी थी और 16 सितंबर, 1935 को पुणे में इसे एक बैंकिंग कंपनी के रूप में पंजीकृत किया गया था। इनका स्वप्न आम आदमी तक पहुंचना और उनकी सेवा करना और उनकी सभी बैंकिंग जरूरतों को पूरा करना था। बैंक और इसके कर्मचारियों के सफल नेतृत्व ने उनके सपनों को पूरा करने का प्रयास किया है।
- 'बैंक ऑफ़ महाराष्ट्र' ने लाभ के पहलू की अनदेखी कर सामाजिक बैंकिंग के क्षेत्र में श्रेष्ठता हासिल की है। इसमें ग्रामीण क्षेत्रों की 38 प्रतिशत शाखाओं के साथ प्राथमिकता क्षेत्र के ऋण का एक अच्छा हिस्सा है।
|
|
|
|
|
टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ बैंक ऑफ़ महाराष्ट्र (हिन्दी)। । अभिगमन तिथि: 26 दिसम्बर, 2013।
बाहरी कड़ियाँ
संबंधित लेख