प्रयोग:गोविन्द6: Difference between revisions
Jump to navigation
Jump to search
गोविन्द राम (talk | contribs) No edit summary |
गोविन्द राम (talk | contribs) No edit summary |
||
Line 5: | Line 5: | ||
[[चित्र:Ustad-Bismillah-khan.jpg|right|100px|link=बिस्मिल्लाह ख़ाँ|border]] | [[चित्र:Ustad-Bismillah-khan.jpg|right|100px|link=बिस्मिल्लाह ख़ाँ|border]] | ||
<poem> | <poem> | ||
'''[[बिस्मिल्लाह ख़ाँ|उस्ताद बिस्मिल्लाह ख़ाँ]]''' '[[भारत रत्न]]' से सम्मानित प्रख्यात शहनाई वादक थे। सन 1969 में 'एशियाई संगीत सम्मेलन' के 'रोस्टम पुरस्कार' | '''[[बिस्मिल्लाह ख़ाँ|उस्ताद बिस्मिल्लाह ख़ाँ]]''' '[[भारत रत्न]]' से सम्मानित प्रख्यात शहनाई वादक थे। सन 1969 में 'एशियाई संगीत सम्मेलन' के 'रोस्टम पुरस्कार' से सम्मानित बिस्मिल्लाह खाँ ने [[शहनाई]] को [[भारत]] के बाहर एक विशिष्ट पहचान दिलवाने में मुख्य योगदान दिया। उस्ताद बिस्मिल्लाह ख़ाँ ने [[भारत]] के पहले [[गणतंत्र दिवस]] समारोह की पूर्व संध्या पर [[नई दिल्ली]] में [[लाल क़िला|लाल क़िले]] से अत्यधिक मर्मस्पर्शी शहनाई वादन प्रस्तुत किया था। बिस्मिल्ला ख़ाँ ने 'बजरी', 'चैती' और 'झूला' जैसी लोकधुनों में बाजे को अपनी तपस्या और रियाज़ से ख़ूब सँवारा और क्लासिकल मौसिक़ी में शहनाई को सम्मानजनक स्थान दिलाया। [[बिस्मिल्लाह ख़ाँ|... और पढ़ें]] | ||
</poem> | </poem> | ||
---- | ---- |
Revision as of 15:11, 14 August 2015
right|100px|link=बिस्मिल्लाह ख़ाँ|border उस्ताद बिस्मिल्लाह ख़ाँ 'भारत रत्न' से सम्मानित प्रख्यात शहनाई वादक थे। सन 1969 में 'एशियाई संगीत सम्मेलन' के 'रोस्टम पुरस्कार' से सम्मानित बिस्मिल्लाह खाँ ने शहनाई को भारत के बाहर एक विशिष्ट पहचान दिलवाने में मुख्य योगदान दिया। उस्ताद बिस्मिल्लाह ख़ाँ ने भारत के पहले गणतंत्र दिवस समारोह की पूर्व संध्या पर नई दिल्ली में लाल क़िले से अत्यधिक मर्मस्पर्शी शहनाई वादन प्रस्तुत किया था। बिस्मिल्ला ख़ाँ ने 'बजरी', 'चैती' और 'झूला' जैसी लोकधुनों में बाजे को अपनी तपस्या और रियाज़ से ख़ूब सँवारा और क्लासिकल मौसिक़ी में शहनाई को सम्मानजनक स्थान दिलाया। ... और पढ़ें
|