अंधा होना: Difference between revisions
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'''अर्थ'''- बुद्धि से हीन होना । | '''अर्थ''' -बुद्धि से हीन होना । | ||
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#गरज बावली होती है। पर आज मालूम हुआ कि वह अंधी भी होती है । | #गरज बावली होती है। पर आज मालूम हुआ कि वह अंधी भी होती है । [[प्रेमचंद]] | ||
#आज मैं अनुभव करता हुँ कि राजमद कितना अंधा होता है । (मनु शर्मा) | #आज मैं अनुभव करता हुँ कि राजमद कितना अंधा होता है । (मनु शर्मा) | ||
#हराम की कमाई रखकर अंधी हो गयी थी । (अजित पुष्कल) | #हराम की कमाई रखकर अंधी हो गयी थी । (अजित पुष्कल) |
Revision as of 12:17, 4 October 2015
अंधा होना एक प्रचलित लोकोक्ति अथवा हिन्दी मुहावरा है।
अर्थ -बुद्धि से हीन होना ।
प्रयोग-
- गरज बावली होती है। पर आज मालूम हुआ कि वह अंधी भी होती है । प्रेमचंद
- आज मैं अनुभव करता हुँ कि राजमद कितना अंधा होता है । (मनु शर्मा)
- हराम की कमाई रखकर अंधी हो गयी थी । (अजित पुष्कल)