पहेली 27 जून 2016: Difference between revisions
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||[चित्र:Pandita-ramabai.jpg|right|150px|पंडिता रमाबाई]]'पंडिता रमाबाई' प्रख्यात विदुषी समाज सुधारक और भारतीय नारियों को उनकी पिछड़ी हुई स्थिति से ऊपर उठाने के लिए समर्पित थीं। अंग्रेज़ी भाषा का ज्ञान प्राप्त करने के लिए [[पंडिता रमाबाई]] 1883 ई. में इंग्लैण्ड गई थीं। वहां दो [[वर्ष]] तक [[संस्कृत]] की प्रोफेसर रहने के बाद वे [[अमेरिका]] पहुंचीं। उन्होंने इंग्लैंड में [[ईसाई धर्म]] स्वीकार कर लिया था। अमेरिका में उनके प्रयत्न से "रमाबाई एसोसिएशन" बना, जिसने [[भारत]] के विधवा आश्रम का 10 वर्ष तक खर्च चलाने का जिम्मा लिया। इसके बाद वे [[1889]] में भारत लौटीं और विधवाओं के लिए '''शारदा सदन''' की स्थापना की। बाद में "कृपा सदन" नामक एक और महिला आश्रम बनाया।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[पंडिता रमाबाई]] | ||[[चित्र:Pandita-ramabai.jpg|right|150px|पंडिता रमाबाई]]'पंडिता रमाबाई' प्रख्यात विदुषी समाज सुधारक और भारतीय नारियों को उनकी पिछड़ी हुई स्थिति से ऊपर उठाने के लिए समर्पित थीं। अंग्रेज़ी भाषा का ज्ञान प्राप्त करने के लिए [[पंडिता रमाबाई]] 1883 ई. में इंग्लैण्ड गई थीं। वहां दो [[वर्ष]] तक [[संस्कृत]] की प्रोफेसर रहने के बाद वे [[अमेरिका]] पहुंचीं। उन्होंने इंग्लैंड में [[ईसाई धर्म]] स्वीकार कर लिया था। अमेरिका में उनके प्रयत्न से "रमाबाई एसोसिएशन" बना, जिसने [[भारत]] के विधवा आश्रम का 10 वर्ष तक खर्च चलाने का जिम्मा लिया। इसके बाद वे [[1889]] में भारत लौटीं और विधवाओं के लिए '''शारदा सदन''' की स्थापना की। बाद में "कृपा सदन" नामक एक और महिला आश्रम बनाया।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[पंडिता रमाबाई]] | ||
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Revision as of 12:26, 19 June 2016
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