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'''[[स्वतंत्रता दिवस]]''' ऐसा दिन है जब | '''[[स्वतंत्रता दिवस]]''' एक ऐसा दिन है जब हम अपने महान राष्ट्रीय नेताओं और स्वतंत्रता सेनानियों को अपनी श्रद्धांजलि देते हैं जिन्होंने विदेशी नियंत्रण से [[भारत]] को आज़ाद कराने के लिए अनेक बलिदान दिए और अपने जीवन न्यौछावर कर दिए। [[मई]] [[1857]] में [[दिल्ली]] के कुछ [[समाचार पत्र|समाचार पत्रों]] में यह भविष्यवाणी छपी कि [[प्लासी युद्ध|प्लासी के युद्ध]] के पश्चात 23 जून 1757 ई. को भारत में जो अंग्रेज़ी राज्य स्थापित हुआ था वह 23 जून 1857 ई. तक समाप्त हो जाएगा। यह भविष्यवाणी सारे देश में फैल गई और लोगों में स्वतंत्रता प्राप्त करने के लिए जोश की लहर दौड़ गई। [[14 अगस्त]], [[1947]] को रात को 11 बजे संघटक सभा द्वारा भारत की स्वतंत्रता को मनाने की एक बैठक आरंभ हुई, जिसमें अधिकार प्रदान किए जा रहे थे। जैसे ही घड़ी में रात के 12 बजे भारत को आज़ादी मिल गई और भारत एक स्वतंत्र देश बन गया। प्रत्येक वर्ष [[15 अगस्त]] को [[प्रधानमंत्री|भारतीय प्रधानमंत्री]] प्रातः 7 बजे [[लाल क़िला|लाल क़िले]] पर झण्डा लहराते हैं और अपने देशवासियों को अपने देश की नीति पर भाषण देते हैं। [[स्वतंत्रता दिवस|... और पढ़ें]]</poem> | ||
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स्वतंत्रता दिवस एक ऐसा दिन है जब हम अपने महान राष्ट्रीय नेताओं और स्वतंत्रता सेनानियों को अपनी श्रद्धांजलि देते हैं जिन्होंने विदेशी नियंत्रण से भारत को आज़ाद कराने के लिए अनेक बलिदान दिए और अपने जीवन न्यौछावर कर दिए। मई 1857 में दिल्ली के कुछ समाचार पत्रों में यह भविष्यवाणी छपी कि प्लासी के युद्ध के पश्चात 23 जून 1757 ई. को भारत में जो अंग्रेज़ी राज्य स्थापित हुआ था वह 23 जून 1857 ई. तक समाप्त हो जाएगा। यह भविष्यवाणी सारे देश में फैल गई और लोगों में स्वतंत्रता प्राप्त करने के लिए जोश की लहर दौड़ गई। 14 अगस्त, 1947 को रात को 11 बजे संघटक सभा द्वारा भारत की स्वतंत्रता को मनाने की एक बैठक आरंभ हुई, जिसमें अधिकार प्रदान किए जा रहे थे। जैसे ही घड़ी में रात के 12 बजे भारत को आज़ादी मिल गई और भारत एक स्वतंत्र देश बन गया। प्रत्येक वर्ष 15 अगस्त को भारतीय प्रधानमंत्री प्रातः 7 बजे लाल क़िले पर झण्डा लहराते हैं और अपने देशवासियों को अपने देश की नीति पर भाषण देते हैं। ... और पढ़ें
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