राधाबिनोद पाल: Difference between revisions

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Jump to navigation Jump to search
[unchecked revision][unchecked revision]
No edit summary
No edit summary
Line 1: Line 1:
[[चित्र:Radhabinod-Pal.jpg|thumb|200px|राधाबिनोद पाल]]
{{सूचना बक्सा प्रसिद्ध व्यक्तित्व
|चित्र=Radhabinod-Pal.jpg
|चित्र का नाम=
|पूरा नाम=राधाबिनोद पाल
|अन्य नाम=
|जन्म=[[27 जनवरी]] [[1886]]
|जन्म भूमि=
|मृत्यु= [[10 जनवरी]] [[1967]]
|मृत्यु स्थान=
|अभिभावक=
|पति/पत्नी=
|संतान=
|गुरु=
|कर्म भूमि=[[भारत]]
|कर्म-क्षेत्र=न्यायपालिका
|मुख्य रचनाएँ=
|विषय=
|खोज=
|भाषा=
|शिक्षा=वकालत
|विद्यालय=[[कोलकाता विश्वविद्यालय]]
|पुरस्कार-उपाधि=
|प्रसिद्धि=
|विशेष योगदान=
|नागरिकता=
|संबंधित लेख=
|शीर्षक 1=
|पाठ 1=
|शीर्षक 2=
|पाठ 2=
|शीर्षक 3=
|पाठ 3=
|शीर्षक 4=
|पाठ 4=
|शीर्षक 5=
|पाठ 5=
|अन्य जानकारी=राधाबिनोद पाल ने द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद [[जापान]] के विरुद्ध ‘टोक्यो ट्रायल्स’ नामक मुकदमा शुरू किया तब उन्हें इसमें न्यायाधीश बनाया गया था।
|बाहरी कड़ियाँ=
|अद्यतन={{अद्यतन|17:26, 20 जनवरी 2017 (IST)}}
}}
'''राधाबिनोद पाल''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''Radhabinod Pal'' जन्म-[[27 जनवरी]] [[1886]]; मृत्यु- [[10 जनवरी]] [[1967]]) टोक्यो, [[जापान]] युद्ध अपराध न्यायाधिकरण में भारतीय न्यायाधीश थे, जिन्होंने अन्य न्यायाधीशों के साथ यह दावा करते हुए असहमति जताई कि मुकदमा युद्ध के विजेताओं द्वारा प्रतिकार में एक अभ्यास था और [[जापान]] के युद्ध के समय के नेता दोषी नहीं थे।<ref>{{cite web |url=http://www.mea.gov.in/photo-features-hi.htm?934/Indian+Contribution+to+International+Law |title=राधाबिनोद पाल |accessmonthday= 23 अक्टूबर|accessyear= 2016|last= |first= |authorlink= |format= |publisher=www.mea.gov.in |language=हिंदी }}</ref>
'''राधाबिनोद पाल''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''Radhabinod Pal'' जन्म-[[27 जनवरी]] [[1886]]; मृत्यु- [[10 जनवरी]] [[1967]]) टोक्यो, [[जापान]] युद्ध अपराध न्यायाधिकरण में भारतीय न्यायाधीश थे, जिन्होंने अन्य न्यायाधीशों के साथ यह दावा करते हुए असहमति जताई कि मुकदमा युद्ध के विजेताओं द्वारा प्रतिकार में एक अभ्यास था और [[जापान]] के युद्ध के समय के नेता दोषी नहीं थे।<ref>{{cite web |url=http://www.mea.gov.in/photo-features-hi.htm?934/Indian+Contribution+to+International+Law |title=राधाबिनोद पाल |accessmonthday= 23 अक्टूबर|accessyear= 2016|last= |first= |authorlink= |format= |publisher=www.mea.gov.in |language=हिंदी }}</ref>



Revision as of 11:56, 20 January 2017

राधाबिनोद पाल
पूरा नाम राधाबिनोद पाल
जन्म 27 जनवरी 1886
मृत्यु 10 जनवरी 1967
कर्म भूमि भारत
कर्म-क्षेत्र न्यायपालिका
शिक्षा वकालत
विद्यालय कोलकाता विश्वविद्यालय
अन्य जानकारी राधाबिनोद पाल ने द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद जापान के विरुद्ध ‘टोक्यो ट्रायल्स’ नामक मुकदमा शुरू किया तब उन्हें इसमें न्यायाधीश बनाया गया था।
अद्यतन‎

राधाबिनोद पाल (अंग्रेज़ी: Radhabinod Pal जन्म-27 जनवरी 1886; मृत्यु- 10 जनवरी 1967) टोक्यो, जापान युद्ध अपराध न्यायाधिकरण में भारतीय न्यायाधीश थे, जिन्होंने अन्य न्यायाधीशों के साथ यह दावा करते हुए असहमति जताई कि मुकदमा युद्ध के विजेताओं द्वारा प्रतिकार में एक अभ्यास था और जापान के युद्ध के समय के नेता दोषी नहीं थे।[1]

  • राधाबिनोद का जन्म 27 जनवरी 1886 को हुआ था।
  • कोलकाता के प्रेसिडेन्सी कॉलेज तथा कोलकाता विश्वविद्यालय से क़ानून की शिक्षा पूर्ण करके वे इसी विश्वविद्यालय में 1923 से 1936 तक अध्यापक रहे।
  • इन्हें 1941 में कोलकाता उच्च न्यायालय में न्यायाधीश नियुक्त किया गया।
  • जब उन्होंने द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद जापान के विरुद्ध ‘टोक्यो ट्रायल्स’ नामक मुकदमा शुरू किया तब उन्हें इसमें न्यायाधीश बनाया गया।
  • भारत और जापान के संबंधों में पाल के योगदान को आज भी याद किया जाता है।
  • युद्ध अपराधों के मुकदमे के बाद, उनको संयुक्त राष्ट्र अंतर्राष्ट्रीय विधि आयोग में चुना गया, जहां उन्होंंने 1952 से 1966 तक सेवा की।



पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. राधाबिनोद पाल (हिंदी) www.mea.gov.in। अभिगमन तिथि: 23 अक्टूबर, 2016।

संबंधित लेख