प्रयोग:कविता बघेल 7: Difference between revisions
कविता बघेल (talk | contribs) No edit summary |
कविता बघेल (talk | contribs) No edit summary |
||
Line 19: | Line 19: | ||
|शिक्षा=स्नातक | |शिक्षा=स्नातक | ||
|विद्यालय=[[दिल्ली विश्वविद्यालय]] | |विद्यालय=[[दिल्ली विश्वविद्यालय]] | ||
|पुरस्कार-उपाधि=फ़िल्म फेयर पुरस्कार | |पुरस्कार-उपाधि=फ़िल्म फेयर पुरस्कार, | ||
|प्रसिद्धि= | |प्रसिद्धि= | ||
|विशेष योगदान= | |विशेष योगदान= | ||
Line 28: | Line 28: | ||
|शीर्षक 2= | |शीर्षक 2= | ||
|पाठ 2= | |पाठ 2= | ||
|अन्य जानकारी=दिनेश ठाकुर एक पटकथा लेखक और कहानी लेखक के रूप में | |अन्य जानकारी=दिनेश ठाकुर एक पटकथा लेखक और कहानी लेखक के रूप में वह फ़िल्म 'घर' ([[1978]]) की कहानी और पटकथा लिखने के लिए जाने जाते थे। | ||
|बाहरी कड़ियाँ= | |बाहरी कड़ियाँ= | ||
|अद्यतन= | |अद्यतन= | ||
}} | }} | ||
'''दिनेश ठाकुर''' (अंग्रेज़ी: ''Dinesh Thakur'', जन्म: [[1947]], [[जयपुर]], [[राजस्थान]]; मृत्यु: [[20 सितंबर]], [[2012]] | '''दिनेश ठाकुर''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''Dinesh Thakur'', जन्म: [[1947]], [[जयपुर]], [[राजस्थान]]; मृत्यु: [[20 सितंबर]], [[2012]]) [[रंगमंच]] के गुजरे जमाने के प्रसिद्ध कलाकार और निर्देशक थे। उन्होंने कई हिंदी फ़िल्मों में अभिनय भी किया। बासु चटर्जी की फ़िल्म 'रजनीगंधा' के लिये उन्हें फ़िल्म फेयर पुरस्कार मिला था। | ||
==परिचय== | ==परिचय== | ||
दिनेश ठाकुर का जन्म 1947 में जयपुर, राजस्थान, [[भारत]] में हुआ था। उन्होंने [[दिल्ली विश्वविद्यालय]] के किरोरी मल कॉलेज (केएमसी) से स्नातक किया, जहां वह केएमसी के नाटकीय समाज में सम्मिलित हुए थे। वह ए.एन.के प्रोडक्शन के संस्थापक | दिनेश ठाकुर का जन्म 1947 में जयपुर, राजस्थान, [[भारत]] में हुआ था। उन्होंने [[दिल्ली विश्वविद्यालय]] के किरोरी मल कॉलेज (केएमसी) से स्नातक किया, जहां वह केएमसी के नाटकीय समाज में सम्मिलित हुए थे। वह ए.एन.के प्रोडक्शन के संस्थापक और निर्देशक थे, जो [[मुंबई]] में एक थियेटर कंपनी है, जिसकी स्थापना [[1976]] में हुयी थी। उनके [[परिवार]] में केवल उनकी पत्नी अभिनेत्री प्रीता माथुर हैं। | ||
==प्रसिद्धि== | ==प्रसिद्धि== | ||
दिनेश ठाकुर ने मेरे 'अपने', 'रजनीगंधा' और 'घर' जैसी कई सफल फ़िल्मों में काम किया है। पिछले तीन दशकों से वे ए.एन.के प्रोडक्शन्स के नाम से एक | दिनेश ठाकुर ने मेरे 'अपने', 'रजनीगंधा' और 'घर' जैसी कई सफल फ़िल्मों में काम किया है। पिछले तीन दशकों से वे ए.एन.के प्रोडक्शन्स के नाम से एक थियेटर ग्रुप चला रहे थे। दिनेश ठाकुर मुख्य रूप से हिंदी फ़िल्मों में किरदार भूमिकाओं के रूप में दिखाई दिए। एक पटकथा लेखक और [[कहानी]] लेखक के रूप में वह फ़िल्म 'घर' ([[1978]]) की कहानी और पटकथा लिखने के लिए जाने जाते हैं, जिसने उन्हें [[1979]] की फ़िल्म फेयर बेस्ट स्टोरी का अवार्ड जिताया था। | ||
==प्रमुख फ़िल्में== | ==प्रमुख फ़िल्में== | ||
*मेरे अपने (1971) | *मेरे अपने (1971) | ||
* | *अनुभव | ||
*जलते बदन (1973) | *जलते बदन (1973) | ||
*रजनीगंधा (1974) | *रजनीगंधा (1974) | ||
Line 45: | Line 45: | ||
*घर (1978) | *घर (1978) | ||
*मधु मालती (1978) | *मधु मालती (1978) | ||
*गीतांजलि | *गीतांजलि | ||
*ग्रेह प्रवेश (1979) | *ग्रेह प्रवेश (1979) | ||
==टीवी धारावाहिक== | ==टीवी धारावाहिक== | ||
*शांति (1994) | *शांति (1994) | ||
*क्योंकि सास भी कभी बहू थी | *क्योंकि सास भी कभी बहू थी | ||
==नाटक== | ==नाटक== | ||
मेरा दिल, जिन लाहौर नई देकिया, | मेरा दिल, जिन लाहौर नई देकिया, तुग़लक़, खामोश! अदालत जारी है, कमला आदि। | ||
==निधन== | ==निधन== | ||
रंगमंच | रंगमंच के कलाकार और निर्देशक दिनेश ठाकुर का लम्बी बीमारी के बाद [[20 सितंबर]], [[2012]] को [[मुंबई]] में निधन हो गया। वे 65 वर्ष के थे। दिनेश 70 के दशक में हिंदी सिनेमा में अपनी चरित्र भूमिका के लिए जाने जाते थे।<ref>{{cite web |url=http://www.khaskhabar.com/hindi-news/Entertainment-dinesh-thakur-is-no-more-22520733.html |title=अभिनेता-निर्देशक दिनेश ठाकुर का निधन |accessmonthday=30 मई |accessyear=2017 |last= |first= |authorlink= |format= |publisher=www.khaskhabar.com |language= हिंदी}}</ref> |
Revision as of 11:49, 31 May 2017
कविता बघेल 7
| |
पूरा नाम | दिनेश ठाकुर |
जन्म | 1947 |
जन्म भूमि | जयपुर, राजस्थान |
मृत्यु | 20 सितंबर, 2012 |
मृत्यु स्थान | मुंबई |
पति/पत्नी | प्रीता माथुर |
कर्म भूमि | मुम्बई |
कर्म-क्षेत्र | सिनेमा |
मुख्य फ़िल्में | मेरे अपने, घर, रजनीगंधा, *परिणय, घर (1978), मधु मालती (1978), गीतांजलि |
शिक्षा | स्नातक |
विद्यालय | दिल्ली विश्वविद्यालय |
पुरस्कार-उपाधि | फ़िल्म फेयर पुरस्कार, |
नागरिकता | भारतीय |
अन्य जानकारी | दिनेश ठाकुर एक पटकथा लेखक और कहानी लेखक के रूप में वह फ़िल्म 'घर' (1978) की कहानी और पटकथा लिखने के लिए जाने जाते थे। |
दिनेश ठाकुर (अंग्रेज़ी: Dinesh Thakur, जन्म: 1947, जयपुर, राजस्थान; मृत्यु: 20 सितंबर, 2012) रंगमंच के गुजरे जमाने के प्रसिद्ध कलाकार और निर्देशक थे। उन्होंने कई हिंदी फ़िल्मों में अभिनय भी किया। बासु चटर्जी की फ़िल्म 'रजनीगंधा' के लिये उन्हें फ़िल्म फेयर पुरस्कार मिला था।
परिचय
दिनेश ठाकुर का जन्म 1947 में जयपुर, राजस्थान, भारत में हुआ था। उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय के किरोरी मल कॉलेज (केएमसी) से स्नातक किया, जहां वह केएमसी के नाटकीय समाज में सम्मिलित हुए थे। वह ए.एन.के प्रोडक्शन के संस्थापक और निर्देशक थे, जो मुंबई में एक थियेटर कंपनी है, जिसकी स्थापना 1976 में हुयी थी। उनके परिवार में केवल उनकी पत्नी अभिनेत्री प्रीता माथुर हैं।
प्रसिद्धि
दिनेश ठाकुर ने मेरे 'अपने', 'रजनीगंधा' और 'घर' जैसी कई सफल फ़िल्मों में काम किया है। पिछले तीन दशकों से वे ए.एन.के प्रोडक्शन्स के नाम से एक थियेटर ग्रुप चला रहे थे। दिनेश ठाकुर मुख्य रूप से हिंदी फ़िल्मों में किरदार भूमिकाओं के रूप में दिखाई दिए। एक पटकथा लेखक और कहानी लेखक के रूप में वह फ़िल्म 'घर' (1978) की कहानी और पटकथा लिखने के लिए जाने जाते हैं, जिसने उन्हें 1979 की फ़िल्म फेयर बेस्ट स्टोरी का अवार्ड जिताया था।
प्रमुख फ़िल्में
- मेरे अपने (1971)
- अनुभव
- जलते बदन (1973)
- रजनीगंधा (1974)
- परिणय
- घर (1978)
- मधु मालती (1978)
- गीतांजलि
- ग्रेह प्रवेश (1979)
टीवी धारावाहिक
- शांति (1994)
- क्योंकि सास भी कभी बहू थी
नाटक
मेरा दिल, जिन लाहौर नई देकिया, तुग़लक़, खामोश! अदालत जारी है, कमला आदि।
निधन
रंगमंच के कलाकार और निर्देशक दिनेश ठाकुर का लम्बी बीमारी के बाद 20 सितंबर, 2012 को मुंबई में निधन हो गया। वे 65 वर्ष के थे। दिनेश 70 के दशक में हिंदी सिनेमा में अपनी चरित्र भूमिका के लिए जाने जाते थे।[1]
- ↑ अभिनेता-निर्देशक दिनेश ठाकुर का निधन (हिंदी) www.khaskhabar.com। अभिगमन तिथि: 30 मई, 2017।