कोर दबना: Difference between revisions

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'''कोर दबना''' एक प्रचलित [[कहावत लोकोक्ति मुहावरे|लोकोक्ति]] अथवा [[हिन्दी]] मुहावरा है।
'''कोर दबना''' एक प्रचलित [[कहावत लोकोक्ति मुहावरे|लोकोक्ति]] अथवा [[हिन्दी]] मुहावरा है।


'''अर्थ'''- किसी के दबाब या वश में होना।
'''अर्थ'''- किसी के दबाव या वश में होना।


'''प्रयोग'''- जिससे चार आँखें हुई उसने ज़मीन चूमकर सलाम किया अच्छे अच्छे बाँकों की कोर दबने लगी। (प्रेमचंद)
'''प्रयोग'''- जिससे चार आँखें हुईं उसने ज़मीन चूमकर सलाम किया, अच्छे अच्छे बाँकों की कोर दबने लगी। ([[प्रेमचंद]])





Revision as of 13:24, 22 June 2017

कोर दबना एक प्रचलित लोकोक्ति अथवा हिन्दी मुहावरा है।

अर्थ- किसी के दबाव या वश में होना।

प्रयोग- जिससे चार आँखें हुईं उसने ज़मीन चूमकर सलाम किया, अच्छे अच्छे बाँकों की कोर दबने लगी। (प्रेमचंद)


टीका टिप्पणी और संदर्भ

संबंधित लेख

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