चूड़ा: Difference between revisions

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Latest revision as of 07:55, 7 November 2017

thumb|चूड़ा चूड़ा चूड़ी की तरहा हाथों को सजाने के लिए पहने जाने वाला आभूषण है। शादियों में दुल्हन के जोड़े और आभूषण के बाद अगर कोई चीज़ उसकी ख़ूबसूरती में चार चांद लगाती है तो वह है दुल्हन के मेहंदी लगे हुए हाथों में चमकता हुआ 'चूड़ा'। दुल्हन की कलाइयों में खिला हुआ यह लाल चूड़ा बरबस ही सबका ध्यान आकर्षित करता है।

रीति-रिवाज

thumb|left|चूड़ा दुल्हन के लिए इस चूड़े के ख़ास होने की वजह यह सुहाग की निशानी होने के साथ-साथ इसके साथ जुड़े हुए रीति-रिवाज भी हैं, जो समाज में अलग-अलग तरह से प्रचलित हैं। पंजाबियों में शादी के समय दुल्हन का मामा चूड़े को कच्चे दूध से शुद्ध करके दुल्हन के हाथों में पहनाता है। कहीं-कहीं पर यह चूड़ा शादी के सवा महीने या सवा साल तक पहनने का शगुन भी होता है।

चूड़ा उतारना

जब चूड़े को उतारा जाता है तो यह रस्म दुल्हन की सास के द्वारा की जाती है। इसके बाद इसे बहते हुए पानी में प्रवाहित कर दिया जाता है। ये चूड़े, हाथी दांत, लाख, सीप और कांच के बने होते है। इनमें सीप के चूड़े पंजाब से और लाख के चूड़े जयपुर से आते हैं।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ


बाहरी कड़ियाँ

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