प्रयोग:कविता सा.-1: Difference between revisions
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-जे.जे. स्कूल ऑफ़ आर्ट्स, [[मुंबई]] | -जे.जे. स्कूल ऑफ़ आर्ट्स, [[मुंबई]] | ||
-गढ़ी स्टूडियो, [[नई दिल्ली]] | -गढ़ी स्टूडियो, [[नई दिल्ली]] | ||
+[[संगीत]] एवं ललित कला महाविद्यालय, बी.एच.यू. [[वाराणसी]] | +[[संगीत]] एवं ललित कला महाविद्यालय, [[बनारस हिंदू विश्वविद्यालय|बी.एच.यू.]] [[वाराणसी]] | ||
{संचारी भाव कितने हैं? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-155,प्रश्न-12 | {संचारी भाव कितने हैं? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-155,प्रश्न-12 | ||
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||संचारी शब्द का अर्थ साथ-साथ चलना होता है। संचारी भाव, स्थायी भाव के साथ संचरित होते हैं। जो भाव केवल थोड़ी देर के लिए स्थायी भाव को पुष्ट करने के निमित्त सहायक रूप में आते हैं और तुरंत लुप्त हो जाते हैं, वे संचारी भाव होते हैं। विभाव, अनुभाव तथा संचारी भाव के संयोग से रस की निष्पत्ति होती है। | ||संचारी शब्द का अर्थ साथ-साथ चलना होता है। संचारी भाव, स्थायी भाव के साथ संचरित होते हैं। जो भाव केवल थोड़ी देर के लिए स्थायी भाव को पुष्ट करने के निमित्त सहायक रूप में आते हैं और तुरंत लुप्त हो जाते हैं, वे संचारी भाव होते हैं। विभाव, अनुभाव तथा संचारी भाव के संयोग से रस की निष्पत्ति होती है। | ||
{[[चित्रकार]] [[एम.एफ. हुसैन]] की किन आकृतियों को उनकी | {[[चित्रकार]] [[एम.एफ. हुसैन]] की किन आकृतियों को उनकी पहचान के साथ जोड़ा जाता है? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-99,प्रश्न-13 | ||
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-[[गाय|गायों]] को | -[[गाय|गायों]] को | ||
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-[[घड़ियाल|घड़ियालों]] को | -[[घड़ियाल|घड़ियालों]] को | ||
-बकरियों को | -बकरियों को | ||
||[[एम.एफ. हुसैन]] प्रसिद्ध चित्र 'नीली रात' के चित्रकार हैं। इनकी कला यथार्थवादी चित्रांकन से लेकर उन्नीसवीं शताब्दी की ब्रिटिश अकादमिक परंपरा से संभावित शैली का प्रतिनिधित्व करती है। इन्होंने कई फ़िल्में बनाई जिनमें मीनाक्षी, गजगामिनी, थ्रू द | ||[[एम.एफ. हुसैन]] प्रसिद्ध चित्र 'नीली रात' के चित्रकार हैं। इनकी कला यथार्थवादी चित्रांकन से लेकर उन्नीसवीं शताब्दी की ब्रिटिश अकादमिक परंपरा से संभावित शैली का प्रतिनिधित्व करती है। इन्होंने कई फ़िल्में बनाई जिनमें मीनाक्षी, गजगामिनी, थ्रू द आइज़ ऑफ पेंटर आदि इनकी प्रमुख फ़िल्में हैं। साथ ही सुप्रसिद्ध चित्र शृंखलाएं भी बनाई जिसमें प्रमुख हैं- [[सरस्वती]], [[मदर टेरेसा]], घोड़े, माधुरी, ज़मीन, लैंप और मकड़ी, दो स्त्रियों का संवाद, मुर्गा, अंतिम भोज, राइडर्स, आपातकाल, ढोलकिया, नीला रात, [[जापान]] में प्रेमी, दुपट्टों में तीन औरतें, बनारस के घाट तथा भारतमाता (यह चित्र काफी विवादास्पद रहा) आदि। | ||
{[[बूंदी चित्रकला|बूंदी शैली]] में चित्रित चित्र 'दूज का चांद देखते प्रेमी युगल' पर किस [[चित्रकार]] का नाम अंकित है? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-52,प्रश्न-2 | {[[बूंदी चित्रकला|बूंदी शैली]] में चित्रित चित्र 'दूज का चांद देखते प्रेमी युगल' पर किस [[चित्रकार]] का नाम अंकित है? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-52,प्रश्न-2 | ||
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+इटैलियन कलाकार गिल हार्डी | +इटैलियन कलाकार गिल हार्डी | ||
-मदुरै का चित्रकार अलाग्री नायडू | -मदुरै का चित्रकार अलाग्री नायडू | ||
-थियोडोर जेन्सन | -थियोडोर जेन्सन | ||
||वॉश | -इनमें से कोई नहीं | ||
||वॉश पेंटिंग (जलरंग तकनीक) का प्रारंभ [[शांति निकेतन]] कला महाविद्यालय, [[कोलकाता]] (कलकत्ता) से हुआ। | |||
{बीसवीं शताब्दी के प्रारंभ में किस [[चित्रकार]] की कृतियां तैलीकृत की गई? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-91,प्रश्न-12 | {बीसवीं शताब्दी के प्रारंभ में किस [[चित्रकार]] की कृतियां तैलीकृत की गई? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-91,प्रश्न-12 | ||
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||बीसवीं शताब्दी के प्रारंभ में [[राजा रवि वर्मा]] ने यूरोपीय [[चित्रकला]] और तैलीय चित्रों की तकनीक से प्रभावित होकर अपनी कृतियों को तैलीकृत किया। रवि वर्मा की जीवन पर बॉलीवुड डायरेक्टर केतन मेहता ने 'रंगरसिया' फ़िल्म का निर्माण किया है। | ||बीसवीं शताब्दी के प्रारंभ में [[राजा रवि वर्मा]] ने यूरोपीय [[चित्रकला]] और तैलीय चित्रों की तकनीक से प्रभावित होकर अपनी कृतियों को तैलीकृत किया। रवि वर्मा की जीवन पर बॉलीवुड डायरेक्टर केतन मेहता ने 'रंगरसिया' फ़िल्म का निर्माण किया है। | ||
{ | {माइकल एंजिलो इस गिरजाघर का प्रमुख स्थापत्य करता था- (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-106,प्रश्न-17 | ||
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+सिस्टाइन | +सिस्टाइन गिरजाघर | ||
-सेन्ट मैथ्यू | -सेन्ट मैथ्यू गिरजाघर | ||
-सेंट पीटर्स | -सेंट पीटर्स गिरजाघर | ||
-बार्थेलोम्यू | -बार्थेलोम्यू गिरजाघर | ||
||माइकेल एंजिलो ने सिस्टाइन | ||माइकेल एंजिलो ने सिस्टाइन गिरजाघर (वेटिकन सिटी) की छत पर चित्रकारी की थी। | ||
{'द टेम्पेस्ट' किसकी कलाकृति है? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-110,प्रश्न-54 | {'द टेम्पेस्ट' किसकी कलाकृति है? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-110,प्रश्न-54 | ||
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+ज्योर्जिओन की | +ज्योर्जिओन की | ||
- | -वॉन गॉग की | ||
-पिकासो की | -पिकासो की | ||
-ब्राक की | -ब्राक की | ||
||'द टेम्पेस्ट' चित्रकार ज्योर्जिओन द्वारा 1508 ई. में तैलीय रंगों के माध्यम से कैनवास पर चित्रित की गई कलाकृति है। | ||'द टेम्पेस्ट' [[चित्रकार]] ज्योर्जिओन द्वारा 1508 ई. में तैलीय रंगों के माध्यम से कैनवास पर चित्रित की गई कलाकृति है। | ||
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Revision as of 12:48, 15 November 2017
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