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| {लोक प्रशासन पर संसदीय नियंत्रण के लिए कौन-सा तरीका उपर्युक्त नहीं है? (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-101,प्रश्न-5
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| -वाद-विवाद तथा बहस
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| -स्थगन प्रस्ताव
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| -अविश्वास प्रस्ताव
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| +सदन से बहिर्गमन
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| ||लोक प्रशासन पर संसदीय नियंत्रण के लिए अनेक प्रक्रियागत उपाय उपलब्ध हैं, जैसे-स्थगन प्रस्ताव (एडजॉर्नमेंट मोशन), ध्यानाकर्षण सूचनाएं (कॉलिंग एटेंशन), अल्पकालीन चर्चाएं और नियम 377 के अधीन उल्लेख। इसी तरह सदस्य सार्वजनिक रुचि के मामलों पर चर्चाएं उठाने के लिए विभिन्न प्रस्ताव (मोशन) और संकल्प (रेजोल्यूशन) पेश कर सकते हैं और सदन तथा सरकार का ध्यान उनकी ओर दिला सकते हैं। [[संसद]] में वाद-विवाद आरंभ करने के लिए उक्त उपायों के प्रयोग के लिए दोनों सदनों के प्रक्रिया नियमों में शर्ते दी गई हैं। सदन से बहिर्गमन लोक प्रशासन पर संसदीय नियंत्रण के लिए उपर्युक्त तरीका नहीं है।
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| {कंवेंशन, कॉकस और प्राइमरी का संबंध प्रमुख: किससे है? (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-105,प्रश्न-10
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| -अमेरिकी सीनेट की शक्तियों से
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| -अमेरिकी प्रतिनिधि सदन की शक्तियों से
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| -अमेरिकी राष्ट्रपति और संसद के बीच संबंधों से
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| +अमेरिकी दलों और चुनावों से
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| ||कंवेंशन, कॉकस और प्राइमरी का संबंध अमेरिकी दलों और चुनावों से हैं जिसके द्वारा अमेरिका के चुनाव का आरंभ होता है और अंत [[राष्ट्रपति]] के चुनाव से होता है।
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| {प्रत्यक्ष निर्वाचन का अभिप्राय है- (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-110,प्रश्न-7
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| -जब प्रतिनिधि मनोनीत किए जाएं
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| -जब प्रतिनिधि नौकरशाहों द्वारा निर्वाचित किए जाएं
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| +जब प्रतिनिधि जनता द्वारा स्वयं निर्वाचित किए जाएं
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| -जब प्रतिनिधि अभिजन वर्ग द्वारा निर्वाचित किए जाएं
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| ||प्रत्यक्ष निर्वाचन का अभिप्राय है- 'जब प्रतिनिधि जनता द्वारा स्वयं निर्वाचित किए जाएं'। प्रत्यक्ष निर्वाचन में जन प्रतिनिधि जनता द्वारा सीधे निर्वाचित किए जाते हैं।
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| {'नौकरशाही' शब्द का सर्वप्रथम प्रयोग किसने किया? (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-134,प्रश्न-31
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| +विंसेंट डिगोर्ने
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| -हेराल्ड लास्की
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| -[[कार्ल मार्क्स|मार्क्स]]
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| -[[मैक्स वेबर]]
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| ||"नौकरशाही' शब्द के शुरुआत वर्ष 1786 में फ्रांसीसी अर्थशास्त्री विंसेंट डिगोर्ने ने की थी। उन्होंने कहा, "[[फ्रांस]] में हमारी एक बीमारी है जो हमें तबाह कर रही है, यह बीमारी 'ब्यूरोमेनिया' कहलाती है"।
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| {[[संसद]] में '[[शून्य काल]]' का क्या अर्थ है? (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-140,प्रश्न-20
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| +प्रश्नकाल एवं अन्य कार्यों में प्रारंभ होने के समय के बीच की अवधि
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| -सरकारी पक्ष को प्रदत्त समय जिसमें वह सदस्यों के प्रश्नों का उत्तर देता है
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| -[[संसद]] के एक अधिवेशन और आगामी अधिवेशन के बीच का समय
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| -कार्य स्थगन प्रस्ताव हेतु निर्धारित समय
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| {[[भारत]] में लोक सेवाओं में भर्ती के लिए प्रारंभिक परीक्षा पद्धति की सर्वप्रथम अनुशंसा की गई थी- (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-174,प्रश्न-209
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| -एपलबी प्रतिवेदन में
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| -गोरवाला प्रतिवेदन में
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| -प्रशासनिक सुधार आयोग (ए.आर.सी.) प्रतिवेदन में
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| +कोठारी प्रतिवेदन में
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| ||लोक सेवाओं में भर्ती की नीति एवं चयन प्रक्रिया पद्धति पर विचार करने तथा सुझाव देने हेतु डी.एस. कठोरी की अध्यक्षता में एक आयोग गठित किया गया था। इस आयोग ने अपनी रिपोर्ट में प्रारंभिक परीक्षा, मुख्य परीक्षा तथा प्रशिक्षत के समय परीक्षा कराने का सुझाव दिया था।
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| {[[नगर निगम|नगर-निगम]] का औपचारिक प्रमुख होता है- (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-187,प्रश्न-10
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| -नामित सभापति
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| -नामित आयुक्त
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| +चुना हुआ मेयर
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| -चुना हुआ आयुक्त
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| ||[[नगर निगम]] का औपचारिक प्रमुख चुना हुआ मेयर होता है। नगर का मेयर, 'नगर का प्रथम नागरिक' होता है। वह नगर निगम का पदेन सदस्य होता है तथा कार्यकारिणी समिति का पदेन सभापति भी होता है, परंतु वह कार्यपालिका मशीनरी पर पूर्ण नियंत्रण नहीं करता है।
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| {लोकपाल और लोकायुक्त पदों की स्थापना [[संसद]] ने किस वर्ष अधिनियम पारित किया? (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-190,प्रश्न-1
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| -1958
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| -1960
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| -1965
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| +इनमें से कोई नहीं
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| ||[[भारत]] में केंद्र स्तर पर लोकपाल एवं राज्य स्तर पर लोकायुक्त पद के गठन की सर्वप्रथम अनुशंसा वर्ष 1966 में गठित [[मोरारजी देसाई]] की अध्यक्षता वाले प्रथम प्रशासनिक सुधार आयोग (बाद में के. हनुमनथैय्या- अध्यक्ष) द्वारा की गई थी। लोकपाल विधेयक को वर्ष 1968 में पहली बार चौथी [[लोक सभा]] की अवधि में तत्कालीन [[इंदिरा गांधी|प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी]] के कार्यकाल में पेश हो गया लेकिन [[राज्य सभा]] में अटका रहा। इसी बीच लोक सभा के भंग हो जाने के चलते यह विधेयक पहली बार में ही समाप्त हो गया। इस प्रकार कोई भी विकल्प सत्य नहीं है।
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| {अमेरिकी सीनेट विधायिका का- (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-199,प्रश्न-41
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| +ऊपरी और प्रबल सदन है
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| -ऊपरी और निर्बल सदन है
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| -निचला और प्रबल सदन है
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| -निचला और शक्तिहीन सदन है
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| ||अमेरिकी सीनेट विधायिका का ऊपरी और प्रबल सदन होता है। इसके सदस्यों की संख्या 100 है जिनका कार्यकाल 6 वर्ष होता है।
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| {निम्न में से कौन विधि के शासन से घनिष्ठ संबंध रखता है? (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-192,प्रश्न-4
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| -सैनिक-विधि (मार्शल लॉ)
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| -न्यायिक सर्वोच्चता
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| +संविधानवाद
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| -शक्ति-पृथक्करण
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| ||'विधि का शासन' संविधानवाद की मुख्य विशेषता है। संविधानवाद उन विचारों एवं सिद्धांतों की ओर संकेत करता है जो उस संविधान का विवरण व समर्थन करते हैं जिनके माध्यम से राजनीतिक शक्ति पर प्रभावशाली नियंत्रण स्थापित किया जा सके। यह संविधान पर आधारित विचारधारा है जिसकी मान्यता है कि शासन संविधान में लिखे नियमों व विधियों के अनुरूप संचालित हो।
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| {[[संघ लोक सेवा आयोग]] के सदस्यों की नियुक्ति की जाती है- (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-174,प्रश्न-210 | | {[[संघ लोक सेवा आयोग]] के सदस्यों की नियुक्ति की जाती है- (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-174,प्रश्न-210 |
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