प्रयोग:कविता सा.-1: Difference between revisions

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{हिंदू कवि 'केशव' की कृति '[[रसिकप्रिया|रसिक प्रिया]]' पर किस मुगल शासक ने चित्र बनवाए? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-69,प्रश्न-85
|type="()"}
-[[शाहजहां]]
+[[अकबर]]
-[[हुमायूं]]
-[[बाबर]]
||हिंदू कवि '[[केशव]]' की कृति '[[रसिकप्रिया|रसिक प्रिया]]' पर मुगल शासनकाल में ग्रंथ चित्रण एक प्रमुख विशेषता थी। [[अकबर]] के शासनकाल में कई मुस्लिम ग्रंथों के साथ-साथ हिंदू धर्म ग्रंथों का भी चित्रण किया गया। बाद में जहांगीरी कलम में [[चित्रकला]] को इस बंधन से मुक्त कर दिया गया।
{[[रबीन्द्रनाथ टैगोर]] के चित्र किस प्रकार के है? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-85,प्रश्न-61
|type="()"}
-बंगाल पुनर्जागरण शैली
+आधुनिक विमूर्त शैली
-प्राचीन शास्त्रीय शैली
-यूरोपीय शास्त्रीय शैली
||[[रबीन्द्रनाथ टैगोर]] के चित्र आधुनिक विमूर्त शैली प्रकार हैं। रबींद्रनाथ टैगोर के अधिकांश चित्र तात्क्षणिक सृजन प्रेरणा द्वारा पूर्व विचार के बनाए हुए प्रतीत होते हैं। इन्होंने परंपरावादी व यथार्थवादी [[चित्रकला]] को न अपनाकर आधुनिक शैली को अपनाया, जिसे उन्होंने 'समंवयात्मक शैली' कहा।


{'द फाइटिंग टेंपरेरी' किसका चित्र है- (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-117,प्रश्न-16
{[[इंग्लैंड]] के प्रमुख भू-दृश्य [[चित्रकार]] का नाम है- (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-117,प्रश्न-17
|type="()"}
-यूजीन देलाक्रा
-कांसटेबल
+टर्नर
-टिटिरेन्ट्टो
||[[इंग्लैंड]] के भू-दृश्य (लैंडस्केप) [[चित्रकार|चित्रकारों]] में जोसेफ मैलॉर्ड विलियम टर्नर (1775-1851 ई.) को अद्भुत प्रतिभाशाली एवं संयमी कलाकार माना जाता है। उनका कार्य प्रभाववादियों के लिए एक रोमांटिक प्रस्तावना के रूप में जाना जाता है। वह अपने तैल चित्रों के लिए प्रसिद्ध थे। वर्ष 1839 में उनके द्वारा चित्रित चित्र 'द फाइटिंग टेंपरेरी' तैलीय माध्यम में बनी हुई है। वह ब्रिटिश वाटरकलर लैंडस्केप चित्रकारी के महानतम पुरोधा भी थे। टर्नर ने अपनी कला के द्वारा [[प्रकाश]] का प्रयोग विकसित किया।
 
 
{[[इंग्लैंड]] के प्रमुख भू-दृश्य चित्रकार का नाम है- (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-117,प्रश्न-17
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-वान गॉग
-वान गॉग
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-के.के. हेब्बर
-के.के. हेब्बर
-डॉ. राम कंवर
-डॉ. राम कंवर
-तैय्यब मेहता
-[[तैयब मेहता]]
+एन.एस. ब्रेंद्रे
+एन.एस. ब्रेंद्रे
||बिंदुवादी का अंग्रेजी रूपांतरण Pointillism है। एन.एस. ब्रेंद्रे एक बिंदुवादी कलाकार थे। जीवन के अंतिम पांच वर्षों में उन्होंने अपनी कला में बिंदुवादी के संकेत प्रस्तुत किए।
||बिंदुवादी का अंग्रेजी रूपांतरण Pointillism है। एन.एस. ब्रेंद्रे एक बिंदुवादी कलाकार थे। जीवन के अंतिम पांच वर्षों में उन्होंने अपनी कला में बिंदुवादी के संकेत प्रस्तुत किए।


{'[[रौद्र रस]]' का रंग क्या है? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-156,प्रश्न-16
{'[[रौद्र रस]]' का [[रंग]] क्या है? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-156,प्रश्न-16
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-[[नीला रंग|नीला]]
-[[नीला रंग|नीला]]
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+[[लाल रंग|लाल]]
+[[लाल रंग|लाल]]
-[[पीला रंग|पीला]]
-[[पीला रंग|पीला]]
||प्रकृति के विभिन्न रंग, विभिन्न रस के प्रतीक हैं। लाल रंग, रौद्र और श्वेत रंग, वीर रस का प्रतीक है तो श्याम रंग, शृंगार का, भूरा (कपोत), करुण रस का, काला, भयानक रस का, नीला, वीभत्स रस का द्योतक है। इसी प्रकार पीला, अद्भुत रस का वर्ण है।
||प्रकृति के विभिन्न [[रंग]], विभिन्न रस के प्रतीक हैं। [[लाल रंग]], रौद्र और [[श्वेत रंग]], [[वीर रस |वीर रस]] का प्रतीक है तो श्याम रंग, शृंगार का, भूरा (कपोत), [[करुण रस]] का, काला, [[भयानक रस]] का, नीला, [[वीभत्स रस]] का द्योतक है। इसी प्रकार पीला, अद्भुत रस का वर्ण है।
 
{[[मदर टेरेसा]] किसने चित्रित किया? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-100,प्रश्न-17
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-[[सतीश गुजराल]]
-विवान सुंदरम
-[[मंजीत बावा|मंजीत बाबा]]
+[[एम.एफ. हुसैन]]
||एम.एफ. हुसैन प्रसिद्ध चित्र 'नीली रात' के [[चित्रकार]] हैं। इनकी कला यथार्थवादी चित्रांकन से लेकर उन्नीसवीं शताब्दी की ब्रिटिश अकादमिक परंपरा से संभावित शैली का प्रतिनिधित्व करती है। इन्होंने कई फिल्में बनाई जिनमें मीनाक्षी, गजगामिनी,थ्रू द आइज ऑफ पेंटर आदि इनकी प्रमुख फिल्में हैं। साथ ही सुप्रसिद्ध चित्र शृंखलाएं भी बनाई जिसमें प्रमुख हैं- सरस्वती, मदर टेरेसा, घोड़े, माधुरी, जमीन, लैंप और मकड़ी, दो स्त्रियों का संवाद, मुर्गा, अंतिम भोज, राइडर्ज, आपातकाल, ढोलकिया, नीला रात, जापान में प्रेमी, दुपट्टों में तीन औरतें, बनारस के घाट तथा भारतमाता (यह चित्र काफी विवादास्पद रहा) आदि।


{बूंदी चित्र शैली की रंग योजना है- (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-53,प्रश्न-6
{[[बूंदी चित्रकला|बूंदी चित्र शैली]] की [[रंग]] योजना है- (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-53,प्रश्न-6
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-धूमिल
-धूमिल
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-हल्की रंग योजना
-हल्की रंग योजना
-स्याही से रेखांकन
-स्याही से रेखांकन
||बूंदी शैली की रंग योजना चटकोली है। बूंदी शैली चित्रों में नारंगी एवं हरे रंग की प्रधानता है। इसके अतिरिक्त पीला, लाल, गेरू, हिरौंजी तथा रामरज रंगों का प्रयोग भी बूंदी शैली में प्रमुखता से मिलता है।
||[[बूंदी चित्रकला|बूंदी शैली]] की [[रंग]] योजना चटकोली है। बूंदी शैली चित्रों में नारंगी एवं [[हरा रंग|हरे रंग]] की प्रधानता है। इसके अतिरिक्त [[पीला रंग|पीला]], [[लाल रंग|लाल]], गेरू, हिरौंजी तथा रामरज रंगों का प्रयोग भी बूंदी शैली में प्रमुखता से मिलता है।


{अबनीन्द्रनाथ टैगोर जाने जाते हैं, इसके लिए- (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-79,प्रश्न-16
{[[अवनीन्द्रनाथ टैगोर]] जाने जाते हैं, इसके लिए- (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-79,प्रश्न-16
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-सेरीग्राफी
-सेरीग्राफी
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+जलरंग तकनीक
+जलरंग तकनीक
-पोर्ट रैचर
-पोर्ट रैचर
||वॉश पेंटिंश (जलरंग तकनीक) का प्रारंभ शांति निकेतन कला महाविद्यालय, कोलकाता (कलकत्ता) से हुआ।
||वॉश पेंटिंश (जलरंग तकनीक) का प्रारंभ [[शांति निकेतन]] कला महाविद्यालय, [[कोलकाता]] (कलकत्ता) से हुआ।
 
{अबनीन्द्रनाथ टैगोर जाने जाते हैं, इसके लिए- (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-79,प्रश्न-16
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-सेरीग्राफी
-अपारदर्शी वर्ण चित्रण
+जलरंग तकनीक
-पोर्ट रैचर
||वॉश पेंटिंश (जलरंग तकनीक) का प्रारंभ शांति निकेतन कला महाविद्यालय, कोलकाता (कलकत्ता) से हुआ।


{पुनर्जागरण कला का शिखर काल है- (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-110,प्रश्न-57
{पुनर्जागरण कला का शिखर काल है- (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-110,प्रश्न-57
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+1500-1527 ई.
+1500-1527 ई.
-1510-1537 ई.
-1510-1537 ई.
||पुनर्जागरण कला का शिखर काल 1500-1527 ई. का है। इस कला का आरंभकर्ता दोनाटो ब्रमंति था।
||पुनर्जागरण कला का शिखर काल 1500-1527 ई. का है। इस [[कला]] का आरंभकर्ता दोनाटो ब्रमंति था।
 
{कपड़े पर चित्रित [[चित्रकला]] का मुख्य स्थल है- (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-173,प्रश्न-60
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-[[जोधपुर]]
-[[जयपुर]]
+[[उदयपुर]]
-[[कोटा]]
||कपड़े पर चित्रित [[चित्रकला]] का मुख्य स्थल [[उदयपुर]] है।
 
{[[जामिनी राय]] ने किस शैली से प्रेरणा ली? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-87,प्रश्न-74
|type="()"}
-कंपनी शैली
+कालीघाट पट शैली
-बंगाल शैली
-पाश्चात्य शैली
||जामिनी राय ने बंगाल की अल्पना, खिलौनों तथा पटुआ व कालीघाट चित्रण से प्रेरणा लेकर चित्रण किया।
 
{उस उत्तर प्रभाववादी चित्रकार का नाम बताइए जिसने ताहिती में चित्रण-कार्य किया था? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-121,प्रश्न-47
|type="()"}
-मातिस
-सेजां
-वान गॉग
+पॉल गॉगिन
||पॉल गॉगिन 1891 ई. में ताहिती पहुंचकर दूर जंगल में रहने लगे। वहीं पर आदिवासियों के रीति-रिवाजों के अनुसार अपना विवाह किया और वहां चित्रण-कार्य किया। गोगॉ ने लिखा है- "यहां में आनंदित हूं, शांति व कला पर जीवित रह रहा हूं, एवं आस-पास ऐसी शक्तियों के अस्तित्व को अनुभव कर रहा हूं जो मुझसे बहुत प्यार करती हैं"।
 
{चित्र में रेखा- (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-163,प्रश्न-42
|type="()"}
-आकृति को रूप देती है।
-प्रवाह पैदा करती है।
-चित्र को उभारती है।
+उक्त सभी।
||चित्र के माध्यम से चित्रकार कैनवस पर संस्कृति और सामयिक अभिव्यक्ति को उकेरता है। चित्र वस्तुत: सांस्कृतिक अभिव्यक्ति का एक विशिष्ट अंग है। चित्र रेखा आकृति को रूप देती है, चित्र को उभारती है और उसमें प्रवाह पैदा करती है।
 
{'भारत कला भवन' के संस्थापक निर्देशक कौन थे? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-198,प्रश्न-100
|type="()"}
-मदन मोहन मालवीय
+रायकृष्ण दास
-शिवराम मूर्ति
-वासुदेव शरण अग्रवाल
||भारत कला भवन का उद्विकास जनवरी, 1920 में हुआ। यह वाराणसी में स्थित है। इसके प्रथम अध्यक्ष महान कवि [[रवीन्द्रनाथ टैगोर]] तथा उपाध्यक्ष उनके भतीजे शिल्पाचार्य अबनीन्द्रनाथ टैगोर थे। इसके विकास का श्रेय [[पद्म विभूषण]] से सम्मानित स्व. रायकृष्ण दास को जाता है।
 
{ऐरेना संबंधित हैं- (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-175,प्रश्न-66
|type="()"}
-नृत्य से
-चित्र से
-गायन से
+एनीमेशन से
||ऐरेना 'एनीमेशन' से संबंधित हैं। ऐरेना, एनीमेशन वेब डिजाइनिंग, फिल्म निर्माण और मल्टीमीडिया शिक्षण का संस्थान है।


{कपड़े पर चित्रित चित्रकला का मुख्य स्थल है- (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-173,प्रश्न-60
{निम्न में से एक त्रिआयामी कला है- (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-172,प्रश्न-44
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|type="()"}
-जोधपुर
-काव्यकला
-जयपुर
-[[चित्रकला]]
+उदयपुर
+[[मूर्तिकला]]
-कोटा
-लिपिकला
||कपड़े पर चित्रित चित्रकला का मुख्य स्थल उदयपुर है।
||रिलीफ दोआयामी सचित्र कला एवं त्रिआयामी [[मूर्तिकला]] का एक संयोजन है। इस प्रकार रिलीफ एक पृष्ठभूमि की सतह पर निर्भर होती है। एक मूर्ति की तरह रिलीफ भी त्रिआयामी डिग्री होती है।


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Revision as of 11:35, 21 December 2017

1 इंग्लैंड के प्रमुख भू-दृश्य चित्रकार का नाम है- (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-117,प्रश्न-17

वान गॉग
कांस्टेबल
जिओतो
टिशियन

2 एक प्रसिद्ध कला समीक्षक हैं- (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-146,प्रश्न-64

ए.एन. रमन
आर.के. नारायण
गिरीश कर्नाड
सत्यदेव दूबे

3 महात्मा गांधी कला वीथिका कहां स्थित है? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-226,प्रश्न-308

लखनऊ
वाराणसी
कानपुर
इलाहाबाद

4 अजंता में पूर्ण चित्रित गुफाओं की संख्या के विषय में निम्नलिखित विकल्पों में से कौन-सा सही है? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-30,प्रश्न-8

07
09
06
11

5 निम्नलिखित भारतीय कलाकारों में बिंदुवादी कलाकार कौन है? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-94,प्रश्न-3

के.के. हेब्बर
डॉ. राम कंवर
तैयब मेहता
एन.एस. ब्रेंद्रे

6 'रौद्र रस' का रंग क्या है? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-156,प्रश्न-16

नीला
काला
लाल
पीला

7 बूंदी चित्र शैली की रंग योजना है- (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-53,प्रश्न-6

धूमिल
चटकोली
हल्की रंग योजना
स्याही से रेखांकन

8 अवनीन्द्रनाथ टैगोर जाने जाते हैं, इसके लिए- (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-79,प्रश्न-16

सेरीग्राफी
अपारदर्शी वर्ण चित्रण
जलरंग तकनीक
पोर्ट रैचर

9 पुनर्जागरण कला का शिखर काल है- (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-110,प्रश्न-57

1480-1507 ई.
1490-1517 ई.
1500-1527 ई.
1510-1537 ई.

10 कपड़े पर चित्रित चित्रकला का मुख्य स्थल है- (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-173,प्रश्न-60

जोधपुर
जयपुर
उदयपुर
कोटा

11 जामिनी राय ने किस शैली से प्रेरणा ली? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-87,प्रश्न-74

कंपनी शैली
कालीघाट पट शैली
बंगाल शैली
पाश्चात्य शैली

12 उस उत्तर प्रभाववादी चित्रकार का नाम बताइए जिसने ताहिती में चित्रण-कार्य किया था? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-121,प्रश्न-47

मातिस
सेजां
वान गॉग
पॉल गॉगिन

13 चित्र में रेखा- (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-163,प्रश्न-42

आकृति को रूप देती है।
प्रवाह पैदा करती है।
चित्र को उभारती है।
उक्त सभी।

14 'भारत कला भवन' के संस्थापक निर्देशक कौन थे? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-198,प्रश्न-100

मदन मोहन मालवीय
रायकृष्ण दास
शिवराम मूर्ति
वासुदेव शरण अग्रवाल

15 ऐरेना संबंधित हैं- (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-175,प्रश्न-66

नृत्य से
चित्र से
गायन से
एनीमेशन से

16 निम्न में से एक त्रिआयामी कला है- (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-172,प्रश्न-44

काव्यकला
चित्रकला
मूर्तिकला
लिपिकला