कुमारप्रव्रजिता: Difference between revisions
Jump to navigation
Jump to search
[unchecked revision] | [unchecked revision] |
(''''कुमारप्रव्रजिता''' पाणिनिकालीन भारतवर्ष में प्रच...' के साथ नया पृष्ठ बनाया) |
व्यवस्थापन (talk | contribs) m (Text replacement - "==संबंधित लेख==" to "==संबंधित लेख== {{पाणिनिकालीन शब्दावली}}") |
||
Line 11: | Line 11: | ||
<references/> | <references/> | ||
==संबंधित लेख== | ==संबंधित लेख== | ||
{{पाणिनिकालीन शब्दावली}} | |||
[[Category:पाणिनिकालीन शब्दावली]][[Category:प्राचीन भारत का इतिहास]][[Category:इतिहास कोश]] | [[Category:पाणिनिकालीन शब्दावली]][[Category:प्राचीन भारत का इतिहास]][[Category:इतिहास कोश]] | ||
__INDEX__ | __INDEX__ |
Revision as of 12:42, 20 April 2018
कुमारप्रव्रजिता पाणिनिकालीन भारतवर्ष में प्रचलित एक शब्द था।
- यास्क ने परिव्राजक नामक आचार्यों का उल्लेख किया है, जो संभवत सन्यास धर्म के अनुयायी थे।
- गणपाठ का ‘कुमारप्रव्रजिता’ शब्द उस संप्रदाय की नैष्ठिक व्रतचारिणी स्त्रियों के लिए प्रयुक्त हुआ जान पड़ता है।[1]
- REDIRECTसाँचा:इन्हें भी देखें
|
|
|
|
|
टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ पाणिनीकालीन भारत |लेखक: वासुदेवशरण अग्रवाल |प्रकाशक: चौखम्बा विद्याभवन, वाराणसी-1 |संकलन: भारतकोश पुस्तकालय |पृष्ठ संख्या: 103 |