उय्यानकीडा पाणिनिकालीन भारतवर्ष में प्रचलित एक शब्द था।
- पाणिनि ने प्राच्य देश की क्रीड़ाओं का उल्लेख किया है[1], जिसके उदाहरण टीकाओं में ये मिलते हैं-
- शालभञ्जिका
- उद्दालकपुष्पभंजिका
- अशोकपुष्पप्रचायिका
- वीरणपुष्पप्रचायिका
- उपरोक्त सभी स्त्रियों की उद्यान क्रीड़ाएँ थीं। जातकों में इन्हें 'उय्यानकीडा' कहा गया है।[2]
- REDIRECTसाँचा:इन्हें भी देखें
टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ 6।2।74
- ↑
पाणिनीकालीन भारत |लेखक: वासुदेवशरण अग्रवाल |प्रकाशक: चौखम्बा विद्याभवन, वाराणसी-1 |संकलन: भारतकोश पुस्तकालय |पृष्ठ संख्या: 103 |
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