पहेली 16 अगस्त 2018: Difference between revisions

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||[[चित्र:J.krishnamurthy-2.jpg|right|100px|border|जे. कृष्णमूर्ति]]'जे. कृष्णमूर्ति' विश्व प्रसिद्ध दार्शनिक तथा आध्यात्मिक विषयों के बड़े ही कुशल एवं परिपक्व लेखक थे। उन्हें प्रवचनकर्ता के रूप में भी ख्याति प्राप्त थी। [[जे. कृष्णमूर्ति]] मानसिक क्रान्ति, बुद्धि की प्रकृति, [[ध्यान]] और समाज में सकारात्मक परिवर्तन किस प्रकार लाया जा सकता है, इन विषयों आदि के बहुत ही गहरे विशेषज्ञ थे। कृष्णमूर्ति ने [[धर्म]], अध्याय, [[दर्शन]], [[मनोविज्ञान]] व शिक्षा को अपनी अंतदृर्ष्टि के माध्यम से नये आयाम दिए। छः दशकों से भी अधिक समय तक विश्व के विभिन्न भागों में, अलग-अलग पृष्ठभूमियों से आए श्रोताओं के विशाल समूह कृष्णमूर्ति के व्यक्तित्व तथा वचनों की ओर आकर्षित होते रहे, पर वे किसी के गुरु नहीं थे। अपने ही शब्दों में वे तो बस एक दर्पण थे, जिसमें इंसान खुद को देख सकता है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[जे. कृष्णमूर्ति]]
||[[चित्र:J.krishnamurthy-2.jpg|right|100px|border|जे. कृष्णमूर्ति]]'जे. कृष्णमूर्ति' विश्व प्रसिद्ध दार्शनिक तथा आध्यात्मिक विषयों के बड़े ही कुशल एवं परिपक्व लेखक थे। उन्हें प्रवचनकर्ता के रूप में भी ख्याति प्राप्त थी। [[जे. कृष्णमूर्ति]] मानसिक क्रान्ति, बुद्धि की प्रकृति, [[ध्यान]] और समाज में सकारात्मक परिवर्तन किस प्रकार लाया जा सकता है, इन विषयों आदि के बहुत ही गहरे विशेषज्ञ थे। कृष्णमूर्ति ने [[धर्म]], अध्याय, [[दर्शन]], [[मनोविज्ञान]] व शिक्षा को अपनी अंतदृर्ष्टि के माध्यम से नये आयाम दिए। छह दशकों से भी अधिक समय तक विश्व के विभिन्न भागों में, अलग-अलग पृष्ठभूमियों से आए श्रोताओं के विशाल समूह कृष्णमूर्ति के व्यक्तित्व तथा वचनों की ओर आकर्षित होते रहे, पर वे किसी के गुरु नहीं थे। अपने ही शब्दों में वे तो बस एक दर्पण थे, जिसमें इंसान खुद को देख सकता है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[जे. कृष्णमूर्ति]]
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"संसार विनाश की राह पर आ चुका है और इसका हल तथाकथित धार्मिकों और राजनीतिज्ञों के पास नहीं है।" यह कथन किसका है?

महात्मा गाँधी
जे. कृष्णमूर्ति
ओशो रजनीश
रमण महर्षि



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