Dr. Pragya Sharma: Difference between revisions

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भारत के छोटे-बड़े शहरों में कविता पाठ करने के अलावा उन्होंने कई अन्य देशों में भी अपनी काव्य-प्रतिभा का प्रदर्शन किया है। इनमें [[दुबई]], कतर जैसे देश शामिल हैं।
भारत के छोटे-बड़े शहरों में कविता पाठ करने के अलावा उन्होंने कई अन्य देशों में भी अपनी काव्य-प्रतिभा का प्रदर्शन किया है। इनमें [[दुबई]], कतर जैसे देश शामिल हैं।


वर्ष 2019 में ‘गोपाल दास नीरज की हस्तलिखित कविताएँ’ नाम से उनकी पहली किताब छपी, जिसका विमोचन शिक्षा मंत्री के करकमलों से दिल्ली में हुआ। इनकी दूसरी पुस्तक ‘मौत का ज़िंदगीनामा' (काव्य संग्रह) रेख़्ता पब्लिकेशन द्वारा 2021 में प्रकाशित हुआ, जिसे पाठकों और आलोचकों से काफी सराहना मिली।<ref>{{cite web |url=https://chauthiduniya.com/pragya-sharma-vs-a-self-made-personality/|title=कविता लिखना और कविता को जीना, दोनों दो अलग- अलग बातें हैं |accessmonthday=21 जुलाई |accessyear=2022 |last= |first= |authorlink= |format= |publisher=चौथी दुनिया |language=हिन्दी }}</ref> इसके अतिरिक्त 20 से अधिक सााँझा काव्य संकलनो में इनकी कविताएं प्रकाशित हैं। वर्ष 2022 में कवयित्री प्रज्ञा शर्मा को [[अमेरिका]] की केईएसआईई इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी से साहित्य में डॉक्टरेट की उपाधि मिली।  
वर्ष 2019 में ‘गोपाल दास नीरज की हस्तलिखित कविताएँ’ नाम से उनकी पहली किताब छपी, जिसका विमोचन शिक्षा मंत्री के करकमलों से दिल्ली में हुआ। इनकी दूसरी पुस्तक ‘मौत का ज़िंदगीनामा' (काव्य संग्रह) रेख़्ता पब्लिकेशन द्वारा 2021 में प्रकाशित हुआ, जिसे पाठकों और आलोचकों से काफी सराहना मिली।<ref>{{cite web |url=https://chauthiduniya.com/pragya-sharma-vs-a-self-made-personality/|title=प्रज्ञा शर्मा बनाम एक स्वनिर्मित व्यक्तित्व|accessmonthday=21 जुलाई |accessyear=2022 |last= |first= |authorlink= |format= |publisher=चौथी दुनिया |language=हिन्दी }}</ref> इसके अतिरिक्त 20 से अधिक सााँझा काव्य संकलनो में इनकी कविताएं प्रकाशित हैं। वर्ष 2022 में कवयित्री प्रज्ञा शर्मा को [[अमेरिका]] की केईएसआईई इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी से साहित्य में डॉक्टरेट की उपाधि मिली।  


डॉ प्रज्ञा शर्मा कविसम्मेलन समिति की संस्थापको सदस्यों में से एक है। प्रज्ञा वेलफेयर फाउंडेशन की संस्थापक-निदेशक के रूप में विभिन्न सामाजिक कार्यों से जुड़ी हैं। वर्तमान में वह [[महाराष्ट्र]] के शहर [[मुंबई]] में स्थाई रूप से निवास करती हैं।  
डॉ प्रज्ञा शर्मा कविसम्मेलन समिति की संस्थापको सदस्यों में से एक है। प्रज्ञा वेलफेयर फाउंडेशन की संस्थापक-निदेशक के रूप में विभिन्न सामाजिक कार्यों से जुड़ी हैं। वर्तमान में वह [[महाराष्ट्र]] के शहर [[मुंबई]] में स्थाई रूप से निवास करती हैं।  

Revision as of 14:54, 28 December 2022

Dr. Pragya Sharma
पूरा नाम प्रज्ञा शर्मा
जन्म 3 जुलाई, 1981
जन्म भूमि कानपुर (उत्तर प्रदेश)
पालक माता-पिता श्री बी. एल. शर्मा (पिता), श्रीमती रमा शर्मा (माता)
कर्म भूमि भारत
कर्म-क्षेत्र साहित्यकार, कवियित्री
मुख्य रचनाएँ 'मौत का ज़िंदगीनामा', 'गोपाल दास नीरज की हस्तलिखित कविताएँ'
भाषा हिंदी, उर्दू, अंग्रेज़ी और हिन्दुस्तानी भाषा।
पुरस्कार-उपाधि साहित्य में योगदान के लिए केईएसआईई इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी से डॉक्टरेट की उपाधि
नागरिकता भारतीय
इन्हें भी देखें कवि सूची, साहित्यकार सूची

प्रज्ञा शर्मा (अंग्रेज़ी: Pragya Sharma, जन्म:03 जुलाई, 1981) एक भारतीय कवियित्री एवं साहित्यकार हैं।[1]

परिचय

प्रज्ञा शर्मा का जन्म 1981 में उत्तर प्रदेश के कानपुर में पिता श्री बी. एल. शर्मा और माता का नाम श्रीमती रमा शर्मा के यहाँ हुआ। उन्होंने शास्त्र में परास्नातक की डिग्री हासिल की है।

डॉ प्रज्ञा राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय पटल पर मंच एवं साहित्य की दुनिया में जाना पहचाना नाम हैं। कवि-सम्मेलनों और मुशायरों के क्षेत्र में भी डॉ. प्रज्ञा शर्मा एक अग्रणी कवियित्री हैं। वो अब तक सैकड़ों कवि सम्मेलनों और मुशायरों में कविता-पाठ चुकी हैं। उन्होंने गणतंत्र दिवस मुशायरा कवि सम्मेलन, लालकिला कवि सम्मेलन, संसद भवन, गेटवे ऑफ इंडिया जैसे देश के की नामी-गिनामी कवि सम्मलनों मे काव्य पाठ किया हैं। इनकी रचनाएं आकाशवाणी, दूरदर्शन (मुंबई, दिल्ली, लखनऊ), ईटीवी पर प्रसारित हो चुकी हैं।

भारत के छोटे-बड़े शहरों में कविता पाठ करने के अलावा उन्होंने कई अन्य देशों में भी अपनी काव्य-प्रतिभा का प्रदर्शन किया है। इनमें दुबई, कतर जैसे देश शामिल हैं।

वर्ष 2019 में ‘गोपाल दास नीरज की हस्तलिखित कविताएँ’ नाम से उनकी पहली किताब छपी, जिसका विमोचन शिक्षा मंत्री के करकमलों से दिल्ली में हुआ। इनकी दूसरी पुस्तक ‘मौत का ज़िंदगीनामा' (काव्य संग्रह) रेख़्ता पब्लिकेशन द्वारा 2021 में प्रकाशित हुआ, जिसे पाठकों और आलोचकों से काफी सराहना मिली।[2] इसके अतिरिक्त 20 से अधिक सााँझा काव्य संकलनो में इनकी कविताएं प्रकाशित हैं। वर्ष 2022 में कवयित्री प्रज्ञा शर्मा को अमेरिका की केईएसआईई इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी से साहित्य में डॉक्टरेट की उपाधि मिली।

डॉ प्रज्ञा शर्मा कविसम्मेलन समिति की संस्थापको सदस्यों में से एक है। प्रज्ञा वेलफेयर फाउंडेशन की संस्थापक-निदेशक के रूप में विभिन्न सामाजिक कार्यों से जुड़ी हैं। वर्तमान में वह महाराष्ट्र के शहर मुंबई में स्थाई रूप से निवास करती हैं।

प्रमुख कृतियाँ

  • मौत का ज़िंदगीनामा'
  • 'गोपाल दास नीरज की हस्तलिखित कविताएँ'


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शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. कविता लिखना और कविता को जीना, दोनों दो अलग- अलग बातें हैं (हिन्दी) डेश की उपासना। अभिगमन तिथि: 16 दिसंबर, 2022।
  2. प्रज्ञा शर्मा बनाम एक स्वनिर्मित व्यक्तित्व (हिन्दी) चौथी दुनिया। अभिगमन तिथि: 21 जुलाई, 2022।

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