कंदहार दुर्ग: Difference between revisions
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*[[मालखेड़]] के राष्ट्रकूट नरेश कृष्ण तृतीय ने इस दुर्ग का विस्तार करवाया था और कंदहारपुर के स्वामी की उपाधि ग्रहण की थी। | *[[मालखेड़]] के राष्ट्रकूट नरेश कृष्ण तृतीय ने इस दुर्ग का विस्तार करवाया था और कंदहारपुर के स्वामी की उपाधि ग्रहण की थी। | ||
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*अभिलेखों पर उनके निर्माताओं के नाम खुदे हैं। | *अभिलेखों पर उनके निर्माताओं के नाम खुदे हैं। | ||
*जामा-मस्जिद पर इब्राहिम आदिलशाह और निजामशाह के अभिलेख हैं। | *जामा-मस्जिद पर इब्राहिम आदिलशाह और निजामशाह के अभिलेख हैं। |
Revision as of 06:37, 30 October 2010
- कंदहार महाराष्ट्र राज्य के नांदेड़ ज़िले में स्थित पर कंदहार नरेश सोमदेव का बनाया हुआ प्राचीन दुर्ग है।
- मालखेड़ के राष्ट्रकूट नरेश कृष्ण तृतीय ने इस दुर्ग का विस्तार करवाया था और कंदहारपुर के स्वामी की उपाधि ग्रहण की थी।
- दुर्ग मुहम्मद बिन तुग़लक़, इब्राहिम आदिलशाह और औरंगज़ेब के समय के अभिलेख हैं।
- अभिलेखों पर उनके निर्माताओं के नाम खुदे हैं।
- जामा-मस्जिद पर इब्राहिम आदिलशाह और निजामशाह के अभिलेख हैं।
- कंदहार में प्राचीन जैन एवं बौद्ध मंदिर भी हैं।
- इस दुर्ग के भीतर कई तुर्की तोपें भी रखी हुई हैं।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ