भीलवाड़ा: Difference between revisions

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Jump to navigation Jump to search
[unchecked revision][unchecked revision]
m (श्रेणी:पर्यटन (को हटा दिया गया हैं।))
Line 46: Line 46:
==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
<references/>
<references/>
[[Category:राजस्थान]][[Category:राजस्थान_के_नगर]][[Category:राजस्थान_के_पर्यटन_स्थल]][[Category:पर्यटन]][[Category:पर्यटन_कोश]]
[[Category:राजस्थान]][[Category:राजस्थान_के_नगर]][[Category:राजस्थान_के_पर्यटन_स्थल]] [[Category:पर्यटन_कोश]]
__INDEX__
__INDEX__

Revision as of 05:13, 27 November 2010

भीलवाड़ा शहर दक्षिण-मध्य राजस्थान राज्य, पश्चिमोत्तर भारत में स्थित है। बाजारों का नगर होने के साथ-साथ यह रेल और सड़क से जुड़ा एक संचार केन्द्र भी है। एक समय में यहाँ भीलों की बड़ी तादात पाई जाती थी। इसी कारण इस स्थान का नाम भीलवाड़ा पड़ा।[1] इसके आसपास का क्षेत्र ऊँचा और पठारी है। जिसकी ढलान वनाच्छादित पर्वतीय पूर्वोत्तर की ओर है। 1948 में राजस्थान का भाग बनने से पूर्व भीलवाडा भूतपूर्व उदयपुर रियासत का एक हिस्सा था। साहस और बलिदान की भूमि भीलवाड़ा की सीमाएं पूर्व में बूंदी, पश्चिम में राजसमंद, उत्तर में अजमेर और दक्षिण में चित्तौड़गढ़ से मिलती हैं।

इतिहास

भीलवाड़ा की स्थापना करीब 300 से 400 साल पहले हुई थी। भीलवाड़ा के शासकों में निरंतर युद्ध हुए इसलिए इसे कई बार उजड़ना पड़ा। अंग्रेजी शासन के दौरान 18वीं शताब्दी में इसकी स्थिति में धीरे-धीरे परिवर्तन हुआ। आज भीलवाड़ा उद्योग की दृष्टि से ही नहीं पर्यटन की दृष्टि से भी लोगों को आकर्षित करता है।[1]

उद्योग और व्यापार

भीलवाडा के उद्योगों में सूती वस्त्रों, हथकरघा और होजरी और धातु के बर्तन (विशेषकर टिन के बर्तन) बनाने के उद्योग शामिल है। भीलवाड़ा को टैक्सटाइल सिटी ऑफ़ इंडिया के नाम से जाना जाता है। भीलवाडा, राजस्थान के प्रमुख औद्योगिक शहरों में से एक है। भीलवाड़ा में कपड़ों के प्रमुख ब्रांड जैसे बीएसएल, मयूर सूटिंग और सुजूकी सूटिंग का उत्पादन होता है।[1] यहाँ पर बड़ी संख्या में टैक्सटाइल उद्योग लगे हुए हैं।

यातायात और परिवहन

हवाई मार्ग

  • भीलवाड़ा का सबसे नज़दीकी हवाईअड्डा उदयपुर में है। यह 140 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।

रेल मार्ग

  • भीलवाड़ा कई प्रमुख शहरों जैसे दिल्ली, उदयपुर, इंदौर, खांडवा, रतलाम, जयपुर, अमजेर और अहमदाबाद आदि रल द्वारा पहुँचा जा सकता है।

सड़क मार्ग

कृषि और खनिज

गेहूं, मक्का और कपास यहाँ की प्रमुख फसलें है। यहाँ ईधन और कोयला बिक्री योग्य उत्पाद है। जब कि बेरीलियम, अभ्रक व अयस्क का भी काम होता है।

शिक्षण संस्थान

यहाँ एक अस्पताल और राजस्थान विश्वविद्यालय से संबद्ध एम.एल.वी. राजकीय महाविद्यालय, एम. एल. वी. टेक्सटाइल और एस. एम. एम. कन्या महाविद्यालय समेत कई महाविद्यालय है।

जनसंख्या

2001 की जनगणना के अनुसार भीलवाड़ा की कुल जनसंख्या 2,80,185 है; और ज़िले की कुल जनसंख्या 20,09,516 है।

पर्यटन स्थल

हर्नी महादेव

हर्नी महादेव भीलवाड़ा के प्रमुख धार्मिक स्थलों में से एक है। हर्नी महादेव भीलवाड़ा से 6 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। विशाल पत्थर के नीचे शिवलिंग स्थापित है। शिवरात्रि के अवसर पर यहाँ तीन दिनों तक मेले का आयोजन किया जाता है। इस मेले में काफ़ी संख्या में लोग हर्नी महादेव आते हैं। यहाँ पर्वत के सबसे ऊपरी भाग में चामुंडा माता का मंदिर भी स्थित है।[1]

मेझा झील

मेझा झील भीलवाड़ा से 17 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यह स्थान पर्यटक स्थल के रूप में काफ़ी प्रसिद्ध है। यह झील 30 फीट गहरी है। यहाँ बच्चों के लिए स्विमिंग पूल और टॉय ट्रेन की सुविधा भी उपलब्ध है।

मेनल

मेनल भीलवाड़ा-कोटा मार्ग पर स्थित है। मेनल 80 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यहाँ एक ख़ूबसूरत वॉटर फॉल (जल प्रपात) है। यह वॉटर फॉल करीबन 150 फीट गहरा है। यह वॉटर फॉल वी आकार की घाटी पर स्थित है। इसके अतिरिक्त 12वीं शताब्दी के दौरान यहाँ चौहान शासकों ने मंदिर का निर्माण करवाया था। यह मंदिर महालेश्‍वर नाम से प्रसिद्ध है। इस मंदिर में भगवान शिव की मूर्ति है।[1]

जोगनिया माता

जोगनिया माता काफ़ी प्रसिद्ध मंदिर है। यह शहर से 80 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। आठवीं शताब्दी में इस मंदिर का निर्माण किया गया। जोगनिया माता का मंदिर घने जंगल के मध्य में स्थित है। पर्यटक यहाँ काफ़ी संख्या में घूमने के लिए आते हैं। नवरात्रा के अवसर पर यहाँ बकरी और भैसों की बलि दी जाती है। नवरात्रा के समय यहाँ नौ दिनों तक मेले का आयोजन किया जाता है। इस मेले काफ़ी संख्या में लोग सम्मिलित होते हैं।[1]

त्रिवेनी

त्रिवेनी भीलवाड़ा शहर से 40 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। त्रिवेनी में तीन नदियां बार्ड, मनाली और बादच्च आपस में मिलती है। त्रिवेनी चौराहा के नाम से भी यह जगह प्रसिद्ध है। त्रिवेनी के समीप ही भगवान शिव का पुराना मंदिर भी है। पूर्णिमा, अमावस्या, कार्तिक और माघ महीने में काफ़ी संख्या में लोग यहाँ स्नान करने के लिए आते हैं। शिवरात्रि के दौरान यहाँ बहुत बड़े मेले का आयोजन किया जाता है।[1]

मंडलगढ़ क़िला

मंडलगढ़ क़िला भीलवाड़ा से 52 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यह क़िला एक किलोमीटर लंबा है। यह समुद्र तल से 1850 फीट की ऊँचाई पर स्थित है। इस जगह पर देवी-देवताओं के कई मंदिर भी है।

शाहपुरा

शाहपुरा जहाईपुरा-देवली मार्ग से 55 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। शाहपुरा का भारत को स्वतंत्रता दिलाने में विशेष योगदान रहा है। यह अंतर्राष्ट्रीय रामस्नेही सम्प्रदाय का प्रमुख केन्द्र था। शाहपुरा यहाँ स्थित सात सौ साल पुरानी पेंटिंग के लिए भी प्रसिद्ध है। इस चित्रकारी के लिए चित्रकार को राष्ट्रीय पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया है।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. 1.0 1.1 1.2 1.3 1.4 1.5 1.6 1.7 भीलवाड़ा (हिंदी) यात्रा सलाह। अभिगमन तिथि: 29 अक्टूबर, 2010