प्रयोग:गोविन्द 4: Difference between revisions

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Jump to navigation Jump to search
No edit summary
No edit summary
Line 1: Line 1:
<noinclude>{| width="49%" align="left" cellpadding="5" cellspacing="5"</noinclude>
<noinclude>{| width="49%" align="left" cellpadding="5" cellspacing="5"</noinclude>
| class="headbg6" style="border:1px solid #D0D09D;padding:10px;" valign="top" | <div class="headbg5" style="padding-left:8px;"><span style="color:#34341B;">'''एक व्यक्तित्व'''</span></div>  
| class="headbg6" style="border:1px solid #D0D09D;padding:10px;" valign="top" | <div class="headbg5" style="padding-left:8px;"><span style="color:#34341B;">'''चयनित लेख'''</span></div>  
----
----
<div align="center" style="color:#34341B;">'''[[राजस्थान|राजस्थान]]'''</div>
<div align="center" style="color:#34341B;">'''[[सारनाथ|सारनाथ]]'''</div>
<div id="rollnone"> [[चित्र:Map-Rajasthan-1.jpg|right|100px|राजस्थान मानचित्र|link=राजस्थान]] </div>
<div id="rollnone"> [[चित्र:Sanchi-Buddhist-Stuppa-2.jpg|right|100px|साँची स्तूप, सारनाथ|link=सारनाथ]] </div>
*राजस्थान [[भारत]] गणराज्य के क्षेत्रफल के आधार पर सबसे बड़ा राज्य है। इसके पश्चिम में [[पाकिस्तान]], दक्षिण-पश्चिम में [[गुजरात]], दक्षिण-पूर्व में [[मध्यप्रदेश]], उत्तर में [[पंजाब]], उत्तर-पूर्व में [[उत्तर प्रदेश]] और [[हरियाणा]] है।
*सारनाथ [[काशी]] से सात मील पूर्वोत्तर में स्थित बौद्धों का प्राचीन तीर्थ है, ज्ञान प्राप्त करने के बाद [[बुद्ध|भगवान बुद्ध]] ने प्रथम उपदेश यहाँ दिया था, यहाँ से ही उन्होंने "धर्म चक्र प्रवर्तन" प्रारम्भ किया।
*राज्य का क्षेत्रफल 3,42,239 वर्ग कि.मी. (1,32,139 वर्ग मील) है। [[जयपुर]] राज्य की राजधानी है। भौगोलिक विशेषताओं में पश्चिम में थार मरूस्थल और घग्गर नदी का अंतिम छोर है।
*सारनाथ में '''सारंगनाथ महादेव का मन्दिर''' है, यहाँ [[श्रावण|सावन]] के महीने में हिन्दुओं का मेला लगता है। यह जैन तीर्थ है और जैन ग्रन्थों में इसे सिंहपुर बताया है।
*भारत की आजादी से पहले यह क्षेत्र राजपूताना (राजपूतों का स्थान) कहलाता था। रणबांकुरे राजपूतों ने कई सदियों तक इस क्षेत्र पर राज्य किया। राजस्थान का इतिहास प्रागैतिहासिक काल से शुरू होता है।
*सारनाथ की दर्शनीय वस्तुयें- [[अशोक]] का चतुर्मुख सिंहस्तम्भ, भगवान बुद्ध का मन्दिर, धामेख स्तूप, चौखन्डी स्तूप, राजकीय संग्राहलय, जैन मन्दिर, चीनी मन्दिर, मूलंगधकुटी और नवीन विहार हैं। 
*विश्व की पुरातन श्रेणियों में प्रमुख अरावली श्रेणी राजस्थान की एकमात्र पहाड़ी है, जो कि [[पर्यटन]] का केन्द्र है, [[माउंट आबू]] और विश्वविख्यात दिलवाड़ा मंदिर को सम्मिलित करती है।
*सारनाथ का प्राचीन नाम '''ऋषिपतन''' (हिरनों का जंगल) था। आधुनिक नाम ‘सारनाथ’ की उत्पत्ति ‘सारंगनाथ’ (मृगों के नाथ) अर्थात [[गौतम बुद्ध]] से हुई।
*पूर्वी राजस्थान में दो बाघ अभयारण्य, रणथम्भौर एवम् सरिस्का हैं और [[भरतपुर]] के समीप केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान है, जो पक्षियों की रक्षार्थ निर्मित किया गया है।
*सारनाथ क्षेत्र की खुदाई से '''गुप्तकालीन अनेक कलाकृतियां तथा बुद्ध प्रतिमाएँ''' प्राप्त हुई हैं जो वर्तमान संग्रहालय में सुरक्षित हैं।
*राजस्थान सांस्कृतिक रूप में समृद्ध होने के साथ-साथ खनिजों के मामले में भी समृद्ध रहा है और अब वह देश के औद्योगिक परिदृश्य में भी तेजी से उभर रहा है।  
*सारनाथ से कई महत्त्वपूर्ण अभिलेख भी मिले हैं जिनमें प्रमुख काशीराज प्रकटादित्य का शिलालेख है। [[सारनाथ|.... और पढ़ें]]'''
*राजस्थान के प्रमुख नगर [[अजमेर]], [[बीकानेर]], [[जयपुर]], [[जैसलमेर]], [[जोधपुर]], [[उदयपुर]], और [[भरतपुर]] हैं [[राजस्थान|.... और पढ़ें]]'''

Revision as of 05:57, 2 December 2010

चयनित लेख

  • सारनाथ काशी से सात मील पूर्वोत्तर में स्थित बौद्धों का प्राचीन तीर्थ है, ज्ञान प्राप्त करने के बाद भगवान बुद्ध ने प्रथम उपदेश यहाँ दिया था, यहाँ से ही उन्होंने "धर्म चक्र प्रवर्तन" प्रारम्भ किया।
  • सारनाथ में सारंगनाथ महादेव का मन्दिर है, यहाँ सावन के महीने में हिन्दुओं का मेला लगता है। यह जैन तीर्थ है और जैन ग्रन्थों में इसे सिंहपुर बताया है।
  • सारनाथ की दर्शनीय वस्तुयें- अशोक का चतुर्मुख सिंहस्तम्भ, भगवान बुद्ध का मन्दिर, धामेख स्तूप, चौखन्डी स्तूप, राजकीय संग्राहलय, जैन मन्दिर, चीनी मन्दिर, मूलंगधकुटी और नवीन विहार हैं।
  • सारनाथ का प्राचीन नाम ऋषिपतन (हिरनों का जंगल) था। आधुनिक नाम ‘सारनाथ’ की उत्पत्ति ‘सारंगनाथ’ (मृगों के नाथ) अर्थात गौतम बुद्ध से हुई।
  • सारनाथ क्षेत्र की खुदाई से गुप्तकालीन अनेक कलाकृतियां तथा बुद्ध प्रतिमाएँ प्राप्त हुई हैं जो वर्तमान संग्रहालय में सुरक्षित हैं।
  • सारनाथ से कई महत्त्वपूर्ण अभिलेख भी मिले हैं जिनमें प्रमुख काशीराज प्रकटादित्य का शिलालेख है। .... और पढ़ें