गोवा पर्यटन: Difference between revisions
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गोवा में प्राचीन और विशाल गिरजाघरों के दर्शन होते हैं। सोलहवीं शताब्दी में पुराने गोवा के गिरजाघर निर्मित हुए हैं। आज भी यह गिरजाघर पणजी-पोंडा मुख्य मार्ग के किनारे शान से खड़े हैं। इसी स्थान पर एक ओर पुर्तग़ाल के महान कवि तुईशद कामोंइश का विशाल पुतला खड़ा है, तो इसके दूसरी ओर [[महात्मा गाँधी]] की भव्य प्रतिमा है। | गोवा में प्राचीन और विशाल गिरजाघरों के दर्शन होते हैं। सोलहवीं शताब्दी में पुराने गोवा के गिरजाघर निर्मित हुए हैं। आज भी यह गिरजाघर पणजी-पोंडा मुख्य मार्ग के किनारे शान से खड़े हैं। इसी स्थान पर एक ओर पुर्तग़ाल के महान कवि तुईशद कामोंइश का विशाल पुतला खड़ा है, तो इसके दूसरी ओर [[महात्मा गाँधी]] की भव्य प्रतिमा है। | ||
====<u>कैथेड्रल गिरजाघर</u>==== | ====<u>सा कैथेड्रल गिरजाघर</u>==== | ||
*कैथेड्रल गिरजाघर पुराने गोवा में स्थित है। | *कैथेड्रल गिरजाघर पुराने गोवा में स्थित है। | ||
*कैथेड्रल गिरजाघर पुराने गोवा में सर्वाधिक विशाल और आकर्षक कैथेड्रल गिरजाघर है। | *कैथेड्रल गिरजाघर पुराने गोवा में सर्वाधिक विशाल और आकर्षक कैथेड्रल गिरजाघर है। | ||
*इस गिरजाघर का आंतरिक भाग कलात्मक संत पाँच घंटियों से सुशोभित है। | *इस गिरजाघर का आंतरिक भाग कलात्मक संत पाँच घंटियों से सुशोभित है। | ||
*इनमें से एक घंटी सोने की है और बड़ी भी है। | *इनमें से एक घंटी सोने की है और बड़ी भी है। | ||
====<u>संत फ़्रांसिस आसिसी गिरजाघर</u>==== | ====<u>संत फ़्रांसिस आसिसी गिरजाघर</u>==== | ||
*संत फ़्रांसिस आसिसी गिरजाघर एक प्रसिद्ध गिरजाघर है। | *संत फ़्रांसिस आसिसी गिरजाघर एक प्रसिद्ध गिरजाघर है। |
Revision as of 12:00, 20 December 2010
गोवा पर्यटन
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विवरण | गोवा भारतीय प्रायद्वीप के पश्चिमी तट पर स्थित है। गोवा राज्य, उत्तर में महाराष्ट्र, पूर्व व दक्षिण में कर्नाटक राज्य और पश्चिम में अरब सागर से घिरा है और पणजी गोवा की राजधानी है। |
स्थापना | सन 1440 ई. |
भौगोलिक स्थिति | उत्तर- 15.563°; पूर्व- 73.818° |
मार्ग स्थिति | गोवा राज्य में राष्ट्रीय राजमार्गों की लंबाई 224 किलोमीटर तथा प्रांतीय राजमार्गों की लंबाई 232 किलोमीटर है। इसके अलावा 815 किलोमीटर जिला मार्ग हैं। |
कब जाएँ | अक्टूबर से मार्च |
हवाई अड्डा | डबोलिम हवाई अड्डा |
क्या देखें | समुद्र तट,चर्च, गिरजाघर, अभयारण्य, मंदिर |
कहाँ ठहरें | होटल, कॉटेज, |
गोवा को 'पर्यटकों का स्वर्ग' कहते हैं। गोवा राज्य, भारत के पश्चिमी तट पर स्थित है और इस तटीय पट्टी को कोंकण कहते हैं। गोवा की मनमोहक सुंदरता और गोवा के मंदिरों, गिरजाघरों और पुराने निवास स्थानों की वास्तुकलात्मक भव्यता गोवा को दुनिया भर से आने वाले पर्यटकों का एक आकर्षण केन्द्र बनाती है। गोवा की प्राकृतिक सुंदरता के अलावा यहाँ के प्रसिद्ध तट और सूर्य की धूप पर्यटकों को गोवा की ओर खींचती है जो यहाँ के शांति प्रिय, अतिथि सत्कार करने वाले और दोस्ताना व्यवहार रखने वाले लोगों के कारण अधिक आकर्षक है। गोवा में वे सब बातें हैं जो पृथ्वी के अन्य किसी स्थान पर नहीं है, गोवा एक ऐसा स्थान है जहाँ आकर लोग वास्तव में मन को शांत कर सकते हैं।
समुद्र तट
गोवा भारत का एक ऐसा राज्य है जहाँ अनगिनत 'समुद्र तट' हैं, जहाँ का स्वच्छंद व उन्मुक्त जीवन जीने का तरीका पर्यटकों को गोवा की ओर खींच लाता है। गोवा में इतने अधिक समुद्र तट हैं कि पर्यटकों को गोवा के सभी तटों को देखने में एक महीने से भी अधिक वक्त लग जाएगा। गोआ के इन समुद्र तटों पर आप समुद्र की लहरों पर वाटर सर्फिंग, पैरासेलिंग, वाटर स्किइंग, स्कूबा डाइविंग, वाटर स्कूटर आदि का लुत्फ उठा सकते हैं।
अगोंडा तट
- अगोंडा तट एक छोटा, मनोहारी और अलग पड़ा तट है।
- अगोंडा तट मार्गगाँव के कस्बे से 37 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
अरामबोल तट
- अरामबोल तट पणजी से 50 किलोमीटर की दूरी पर है।
- यह तट उत्तरी गोवा का एक अनोखा तट है।
अंजुना तट
- अंजुना तट पणजी से 18 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
- यह तट चपोरा क़िले के पास एक लोकप्रिय तट है।
बागा तट
- बागा तट एक छोटा किन्तु कोलवा और कालांगुट के बीच स्थित एक शानदार तट है।
- इस तट को मछली पकड़ने, धूप में लेटने और पैडल बोट के लिए आदर्श तट माना जाता है।
बेनाउलिम तट
- बेनाउलिम तट कोलवा तट के सिरे पर स्थित एक मनमोहक और शांत तट है।
- इसे तट को अभी तक घरेलू पर्यटकों ने उतना अधिक देखा नहीं है।
बोगमोलो तट
- बोगमोलो तट को पवित्रता ओर वाणिज्यीकता का एक मिश्रण कहा जा सकता है।
- यह सुंदर दृश्यों से भरपूर एक तट है जहाँ पर आप अपने आप को मुक्त होने से नहीं रोक सकते।
कालांगुट तट
- कालांगुट तट को तटों की रानी कहा जाता है।
- इस तट पर पर्यटकों के लिए रहने के लिए अनेक रिजॉर्ट तथा कॉटेज हैं।
केवेलोसिम तट
- केवेलोसिम तट नर्म सफेद रेत के लिए प्रसिद्ध है।
- यहाँ पर काली लावा पहाडियाँ होती हैं।
चपोरा तट
- चपोरा तट गोवा का एक मनमोहक भाग है।
- चपोरा तट को नर्म सफेद रेत, काली मेग्मा चट्टानें और नारियल तथा पाम के पेड़ एक हरा भरा परिदृश्य प्रदान करते हैं जो दुनिया भर के यात्रियों को तट पर आकर्षित करता है।
कैंडोलिम तट
- गोवा का केंडोलिम तट ऐसा तट है जहाँ पर्यटक अगोंडा तट की भीड़ भाड़ से दूर कुछ शांति के पल बिता सकते हैं।
- इस स्थान पर बेशक सुविधाएँ अधिक नहीं है।
कोल्वा तट
- कोल्वा तट पणजी से लगभग 40 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
- कोल्वा तट उन लोगों के लिए सर्वाधिक उपयुक्त स्थान है जो शहरी जीवन से थक चुके हैं और एक शांत अवकाश का आनंद उठाना चाहते हैं। जो उनकी आत्मा और मन को सुकून दे सके।
डोना पॉला तट
- डोना पॉला तट गोवा का एक ऐसा तट है जहाँ गोवा की प्रसिद्ध नदियाँ अरब सागर से मिलती हैं।
मीरामर तट
- मीरामर तट सुनहरी रेत वाला तट है।
- इस जगह पर लगे पाम के पेड़ अरब सागर की ओर झुकते हैं तथा यह तट पणजी का सबसे नजदीकी तट है।
मोजोर्डा तट
- माजोर्डा तट बोगमोला के दक्षिणी भाग में स्थित तट है।
- यह तट गोवा के शानदार तटों में से एक है।
पोलोलेम तट
- पोलोलेम तट मारमा गोवा से 37 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
- इसको स्वर्ग के समान तट कहा जाता है और यह लगभग 1 मील लंबा तट है।
वागाटोर तट
- वागाटोर तट एक ऐसा तट है जो सफ़ेद रेत, काली लावा चट्टानों, नारियल पाम के पेड़ों और हरी भरी दृश्यावली से घिरा हुआ है।
- इस स्थान पर अपनी ही एक धुन सुनाई देती है।
वरका तट
- वरका तट पर नर्म सफ़ेद रेत और धब्बेदार काली लावा चट्टानें कुछ स्थानों पर दिखाई देती हैं।
- गोवा के अन्य प्रसिद्ध तटों की तुलना में यह तट साफ और शांत तट है।
वेलसाओ तट
- वेलसाओ तट दक्षिणी गोवा तट के साथ बोगमालो तट के दक्षिण तथा माजोर्डा तट के उत्तर में और कोल्वा तट के पास स्थित एक लंबा तट है।
- यह तट हर वर्ष पर्यटकों के बीच लोकप्रिय होता जा रहा है।
वन्य जीवन अभयारण्य
सलीम अली पक्षी अभयारण्य
- गोवा में मापुसा और मंडोवी नदियों के मिलने के स्थान पर सलीम अली पक्षी अभयारण्य है।
- भारत में सबसे छोटी पक्षी अभयारण्यों में से इस अभयारण्य का नाम भारत के जाने माने पक्षी विज्ञान डॉ. सलीम अली के नाम पर रखा गया है।
भगवान महावीर वन्य जीवन अभयारण्य
- भगवान महावीर वन्य जीवन अभयारण्य गोवा के पूर्वी सिरे पर स्थित है।
- यह अभयारण्य गोवा का सबसे बड़ा वन्य जीवन अभयारण्य है।
कोटीगाओ वन्य जीवन अभयारण्य
- कोटीगाओ वन्य जीवन अभयारण्य लगभग 86.65 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है।
- इस अभयारण्य में घने पतझड़ी वन हैं और यहाँ पर 30 मीटर नीचे पेड़ भी हैं।
बोडला वन्य जीवन अभयारण्य
- बोडला वन्य जीवन अभयारण्य लगभग 8 वर्ग किलोमीटर के हिस्से में फैला है।
- बोडला वन्य जीवन अभयारण्य में चटक हरियाली और सुंदर पहाडियों के निचले हिस्से हैं।
धार्मिक स्थल
गोवा में अनेक मंदिर हैं, जो बड़े स्वच्छ, प्रकृति की गोद में निर्मित तथा अपने सुंदर, आकर्षक परिसरों से युक्त हैं। हर मंदिर के सामने तालाब और दीप स्तंभ बने हुए हैं।
मंगेश संस्थान मंदिर
- मंगेश संस्थान का मंदिर एक प्रसिद्ध मंदिर है।
- श्री मंगेश संस्थान का मंदिर पणजी-पेंडा की मुख्य सड़क पर पणजी से 22 किलोमीटर दूर स्थित है।
- इस बड़े संस्थान के आराध्य श्री मंगेश जी हैं।
महालसा देवी मंदिर
- महालसा देवी का प्रसिद्ध मंदिर मंगेश जी के पास ही लगभग एक किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
- यहाँ नवरात्र का उत्सव और अत्यधिक ऊँचाई पर समई द्वीप दर्शनीय हैं।
नागेश मंदिर
- नागेश मंदिर बांदोडा गाँव में पोंडा से 8 किलोमीटर दूर स्थित है।
- यह मंदिर नागेश संस्थान का है।
- नागेश मंदिर रामायण के चित्रित प्रसंगों के कारण प्रसिद्ध है।
- इसके पास ही महालक्ष्मी का मंदिर भी स्थित है।
शिव मंदिर
- शिव मंदिर पोंडा से 4 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
- यह मंदिर रामनाथ संस्थान का है।
- शिव मंदिर अपने शिवरात्रि के भव्य विशाल मेले के कारण जाना जाता है।
शांता दुर्गा मंदिर
- शांता दुर्गा मंदिरब पोंडा से 3 किलोमीटर दूर कवले गाँव में स्थित है।
- यह शांता दुर्गा संस्थान का विख्यात मंदिर है।
- यह बहुत ही भव्य और प्राचीन मंदिर है।
- शांता दुर्गा गोवा निवासियों की ख़ास देवी हैं।
- कहा जाता है कि बंगाल की क्षुब्धा दुर्गा गोवा में आकर शांत हो गईं और शांता दुर्गा के नाम से पूजी जाने लगीं।
तांबड़ीसुर्ल-शिव मंदिर
- तांबड़ीसुर्ल-शिव मंदिर पणजी से 60 किलोमीटर दूर सह्याद्री घाटी में गोवा-कर्नाटक सड़क के पास तांबडासुर्ल गाँव में स्थित है।
- तांबड़ीसुर्ल-शिव मंदिर अपने कलात्मक शिल्प एवं वैभव के कारण जाना जाता है।
- चौदहवीं शताब्दी में कदंब राजाओं के समय इस मंदिर का निर्माण हुआ था।
श्री मल्लिकार्जुन मंदिर
- श्री मल्लिकार्जुन का मंदिर मडगाँव से 40 किलोमीटर दूर कोंकण गाँव में स्थित है।
- यह मंदिर वन-श्री हरीतिमा वेष्ठित चतुर्दिक पहाड़ियों से घिरा हुआ है।
- इस मंदिर को देखने जो भी यात्री आता है, वह इसके प्राकृतिक सौंदर्य को देख मुग्ध होकर वहीं का हो जाता है।
दामोदर मंदिर
- दामोदर मंदिर मडगाँव से 18 किलोमीटर दूर स्थित है।
- दामोदर मंदिर गोवा के लोगों की अपार श्रद्धा का केंद्र है।
श्री सप्त कोटेश्वर मंदिर
- श्री सप्त कोटेश्वर मंदिर नार्वे-डिचोली गाँव में पणजी से 38 किलोमीटर दूर स्थित है।
- यहाँ ऊँचे पहाड़ों पर स्थित अवस्थित चंद्रेश्वर तथा सिद्धनाथ मंदिर भी देखने लायक हैं।
क़िले
गोवा के क़िलों का भी बहुत महत्त्व है।
भाग्वाद का क़िला
- भाग्वाद का क़िला एक प्रसिद्ध क़िला है।
- पुर्तग़ालियों ने शत्रुओं से रक्षार्थ वार्देज तालुका में मांडवी नदी जहाँ समुद्र से संगम बनाती है, भाग्वाद का क़िला बनवाया था।
कामसुख का क़िला
- कामसुख का क़िला वागाटोर समुद्र तट पर स्थित है।
- वागाताटे समुद्र तट पर निर्मितयह क़िला भी दर्शनीय है।
मागुश का क़िला
- मागुश का क़िला गोवा की राजधानी पणजी के पास मांडवी नदी के किनारे स्थित है।
- मागुश का क़िला पणजी से भी दिखाई देता है।
तेरे खोल का क़िला
- तेरे खोल का क़िला गोवा-महाराष्ट्र सीमा के उत्तरी छोर पर स्थित है।
- ये सारे क़िले मज़बूत, विशाल और अभेद्य हैं।
गिरजाघर
गोवा में प्राचीन और विशाल गिरजाघरों के दर्शन होते हैं। सोलहवीं शताब्दी में पुराने गोवा के गिरजाघर निर्मित हुए हैं। आज भी यह गिरजाघर पणजी-पोंडा मुख्य मार्ग के किनारे शान से खड़े हैं। इसी स्थान पर एक ओर पुर्तग़ाल के महान कवि तुईशद कामोंइश का विशाल पुतला खड़ा है, तो इसके दूसरी ओर महात्मा गाँधी की भव्य प्रतिमा है।
सा कैथेड्रल गिरजाघर
- कैथेड्रल गिरजाघर पुराने गोवा में स्थित है।
- कैथेड्रल गिरजाघर पुराने गोवा में सर्वाधिक विशाल और आकर्षक कैथेड्रल गिरजाघर है।
- इस गिरजाघर का आंतरिक भाग कलात्मक संत पाँच घंटियों से सुशोभित है।
- इनमें से एक घंटी सोने की है और बड़ी भी है।
संत फ़्रांसिस आसिसी गिरजाघर
- संत फ़्रांसिस आसिसी गिरजाघर एक प्रसिद्ध गिरजाघर है।
- संत फ्रांसिस आसिसी गिरजाघर का प्रवेश द्वार भव्य है।
- इस गिरजाघर का आंतरिक भाग चित्रों से सज्जित है।
- इसके पीछे गोवा का प्रसिद्ध संग्रहालय है।
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