तेनज़िंग नोर्गे

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Revision as of 09:47, 6 May 2011 by अश्वनी भाटिया (talk | contribs) (Adding category Category:पर्वतारोही (को हटा दिया गया हैं।))
Jump to navigation Jump to search

thumb|तेनजिंग नोर्गे विश्व के सबसे ऊँचे पर्वत शिखर माउंट एवरेस्ट (हिमालय) पर पहुँचने वाले सर्वप्रथम व्यक्ति तेनजिंग नोर्गे का जन्म- 1914 मे नेपाल के एक निर्धन परिवार में हुआ था।

जीवन परिचय

तेनजिंग की इस महान विजय यात्रा में सर एडमंड हिलेरी उनके सहयोगी थे। तेनजिंग कर्नल जान हण्ट के नेतृत्व में एक ब्रिटिश पर्वतारोही दल के सदस्य के रूप में हिमालय की यात्रा पर गये थे और दृढ़ निश्चय के साथ आगे बढ़ते हुए 29 मई, 1953 को उन्होंने एवरेस्ट के शिखर को स्पर्श किया। तेनजिंग की इस ऐतिहासिक सफलता ने उन्हें इतिहास में अमर कर दिया है। भारत के अतिरिक्त इंग्लैंड एवं नेपाल की सरकारों ने भी उन्हें सम्मानित किया था। 1959 में उन्हें 'पद्मभूषण' से अलंकृत किया गया। वास्तव में 1936-53 तक के सभी एवरेस्ट अभियानों में उनका सक्रिय सहयोग रहा था।

तेनजिंग बौद्ध धर्म के अनुयायी थे और 1933 में वे भारतीय नागरिक बन गये थे। काफ़ी उनका प्रिय पेय और कुत्ते पालना उनका मुख्य शौक था। बचपन से ही पर्वतारोहण में रुचि होने के कारण वे एक अच्छे एवं कुशल पर्वतारोही बन गये। उनका प्रारम्भिक नाम नामग्याल बांगडी था। वे तेनजिंग खुमजुंग भूटिया भी कहलाते थे। तेनजिंग को अपनी सफलताओं के लिए जार्ज मैडल भी प्राप्त हुआ था। 1954 में दार्जिलिंग में 'हिमालय पर्वतारोहण संस्थान' की स्थापना के समय उन्हें इसका प्रशिक्षण निर्देशक बना दिया गया था। तेनजिंग ने अपने अपूर्व साहस से भारत का नाम हिमालय की ऊँचाइयों पर लिख दिया है, जिसके लिय वे सदैव याद किए जाएंगे।

मृत्यु

9 मई, 1986 को इनकी मृत्यु हो गई।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ


वर्णमाला क्रमानुसार लेख खोज

                              अं                                                                                                       क्ष    त्र    ज्ञ             श्र   अः