पंचवर्षीय योजना

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[[चित्र:First five-year-plans.jpg|thumb|प्रथम पंचवर्षीय योजना]] पंचवर्षीय योजना भारत की राष्ट्रीय योजना है। भारत की अर्थव्यवस्था का एक बड़ा हिस्सा, भारत के योजना आयोग द्वारा विकसित, कार्यान्वित और इसकी देख रेख में चलने वाली पंचवर्षीय योजनाओं पर आधारित है। प्रधानमंत्री के योजना आयोग का पदेन अध्यक्ष पद के साथ, आयोग का एक मनोनीत उपाध्यक्ष भी होता है जिसका ओहदा, एक कैबिनेट मंत्री के बराबर होता है।

शुरुआत

आज़ादी के बाद भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने समाजवादी आर्थिक मॉडल को आगे बढ़ाया। जवाहरलाल नेहरू ने अनेक महत्वपूर्ण आर्थिक निर्णय लिए जिनमें पंचवर्षीय योजना की शुरुआत भी थी। सन् 1951 में पहली पंचवर्षीय योजना की नींव डाली गई और योजना आयोग का गठन किया। जवाहरलाल नेहरू ने 8 दिसंबर, 1951 को संसद में पहली पंचवर्षीय योजना को पेश किया था और उन्होंने उस समय सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का लक्ष्य 2.1 फ़ीसदी निर्धारित किया था। इस परियोजना में कृषि क्षेत्र पर विशेष ज़ोर दिया गया क्योंकि उस दौरान खाद्यान्न की कमी गंभीर चिंता का विषय थी। इसी पंचवर्षीय योजना के दौरान पाँच इस्पात संयंत्रों की नींव रखी गई। अधिकतर पंचवर्षीय योजनाओं में किसी न किसी क्षेत्र को प्राथमिकता दी गई। दूसरी पंचवर्षीय योजना में उद्योगों को प्राथमिकता दी गई लेकिन तीसरे में फिर कृषि को तरजीह दी गई।[1]


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. पंचवर्षीय योजना (हिंदी) बीबीसी हिंदी। अभिगमन तिथि: 16 दिसम्बर, 2013।

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