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बुधवार, 20 अप्रॅल, 2011

पीएसएलवी ने तीन उपग्रहों को किया अंतरिक्ष में स्थापित
अंतरिक्ष कार्यक्रमों में भारतीय वैज्ञानिकों ने फिर कामयाबी का परचम लहराया है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान (इसरो) के उपग्रह प्रक्षेपण यान 'पीएसएलवी' ने 20 अप्रॅल, 2011 बुधवार को तीन उपग्रहों को सफलतापूर्वक अंतरिक्ष में स्थापित कर दिया। गत वर्ष दिसंबर में जीएसएलवी के प्रक्षेपण में मिली दो लगातार विफलताओं के बाद इसरो की यह कामयाबी बेहद अहम है। पीएसएलवी का यह 18वां मिशन था। इससे पहले पीएसएलवी के जरिये किये गये 17 प्रक्षेपणों में से लगातार 16 मिशन में सफलता हासिल हुई थी, जिससे इसकी विश्वसनीयता का पता चलता है। पीएसएलवी ने सफलता के क्रम को बनाये रखते हुए आज 17वें प्रक्षेपण को भी सफलतापूर्वक अंजाम दिया।

गुरुवार, 14 अप्रॅल, 2011

[[चित्र:Indian-Army-2.jpg|thumb|250px|भारतीय थलसेना]] हम है दुनिया की 5वीं बड़ी शक्ति
राष्ट्रीय सुरक्षा सूचकांक (एनएसआई) द्वारा हाल ही में किए सर्वेक्षण में भारत को दुनिया का पांचवा सर्वाधिक शक्तिशाली देश माना गया। सूची में अमेरिका को पहले तथा चीन दूसरे स्थान पर है। जापान और रूस को क्रमश: तीसरा और चौथा स्थान मिला है। सूची में दक्षिण कोरिया को छठा स्थान दिया गया है। उसके बाद नॉर्वे (7) जर्मनी (8) फ्रांस (9) और ब्रिटेन (10) को रखा गया है। कार्य-कुशल जनसंख्या के मामले में भारत तीसरे स्थान पर है, चीन पहले स्थान पर है। रक्षा की दृष्टि से भारत चौथी महाशक्ति है।

शनिवार, 2 अप्रॅल, 2011

thumb|विश्व कप ट्रॉफी के साथ भारतीय टीम भारत 28 साल बाद फिर क्रिकेट का बादशाह
क्रिकेट इतिहास में आखिरकार भारत ने वह इतिहास फिर से रच दिया, जिसका इंतज़ार देश को 28 साल से था। धोनी के धुरंधरों ने मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में श्रीलंका को हराकर आईसीसी विश्व कप, 2011 की ट्रॉफी अपने नाम कर ली। भारत अपनी धरती पर वर्ल्डकप जीतने वाला पहला देश बन गया है। ये टीम इंडिया का दूसरा वर्ल्डकप है। धोनी के धुरंधरों ने 28 साल बाद वो कर दिखाया जो 1983 में कपिल देव एंड कंपनी ने इंग्लैंड में किया था। कप्तान महेन्द्र सिंह धोनी ने शानदार पारी खेलते हुए नाबाद 91 रन बनाए। मैच के 48.2 ओवर में धोनी ने छक्का जमाकर भारत को ऐतिहासिक जीत दिलाई।

गुरुवार, 31 मार्च, 2011

भारत की जनसंख्या बढ़कर हुई 121 करोड़
जनगणना के ताजा आंकड़ों के मुताबिक भारत की आबादी बढ़ कर 121 करोड़ (1 अरब 21 करोड़) हो गई है। दस साल पहले हुई गणना के मुकाबले यह 17.64 फ़ीसदी ज़्यादा है। संतोष की बात यह है कि आबादी बढ़ने की हमारी रफ़्तार कम हुई है और आज़ादी के बाद यह सबसे निचले स्तर पर है। पिछली जनगणना के मुकाबले जनसंख्या दर क़रीब चार फ़ीसदी कम दर्ज की गई है। इसी तरह महिलाओं की तत्परता के कारण अब हमारी कुल 74 फ़ीसदी आबादी साक्षर हो चुकी है। लेकिन चिंता की बात है कि इस दौरान गर्भ में बच्चियों की हत्या के मामले में हमने सारे रिकार्ड तोड़ दिए। छह साल तक की आबादी में इस समय एक हज़ार लड़कों के मुकाबले सिर्फ 914 लड़कियाँ ही हैं।

सोमवार, 28 मार्च, 2011

[[चित्र:Tiger-01.jpg| बाघ|thumb]] भारत में बाघों की संख्या 1706 हुई, 295 बाघ बढ़े
देश में बाघों की संख्या बढ़ गई है। वर्ष 2006 में इनकी संख्या 1411 थी जो 21 फ़ीसदी बढ़कर 1706 हो गई है। बाघों की ताज़ा गणना में ये आंकड़े सामने आए। पर्यावरण मंत्री जयराम रमेश ने सोमवार को देशभर के बाघों की संख्या से जुड़े आंकड़े तीन दिवसीय इंटरनेशनल बाघ कॉन्फ्रेंस में जारी किए। उन्होंने कहाँ कि बाघों की संख्या में इजाफा एक अच्छी खबर है। हालांकि उन्होंने स्वीकार किया कि 2009 और 2010 में बाघों की मृत्यु दर सामान्य से अधिक रही। कैमरा ट्रैप विधि से डेढ़ साल से अधिक उम्र के 615 बाघों के फ़ोटोग्राफ खींचे गए हैं। मध्य भारत में बाघों पर हमले की घटना में कमी आई है। खासकर आंध्र प्रदेशमध्य प्रदेश के गलियारे में।

शुक्रवार, 11 मार्च, 2011

पृथ्वी-2 और धनुष मिसाइलों का सफल परीक्षण
thumb|220px|धनुष प्रक्षेपास्त्र भारतीय रक्षा वैज्ञानिकों ने 11 मार्च, 2011 (शुक्रवार) को उड़ीसा के समुद्र तट पर 350 किलोमीटर दूर तक मार करने वाली धनुष और पृथ्वी मिसाइलों का सफल परीक्षण किया। धनुष मिसाइल किसी युद्धपोत पर तैनात करने के लिए विकसित की गई है, जो समुद्र तटीय ठिकाने पर हमला कर सकती है। डीआरडीओ के प्रवक्ता ने बताया कि धनुष मिसाइल को नौसेना के युद्धपोत आईएनएस सुवर्ण से छोड़ा गया। इसके एक घंटे बाद ही पृथ्वी मिसाइल को भी छोड़ा गया। धनुष मिसाइल पृथ्वी मिसाइल की नौसैनिक किस्म है। धनुष और पृथ्वी मिसाइलों को तीनों सेनाओं की साझा सामरिक बल कमांड (एसएफसी) के सैनिकों द्वारा अभ्यास के लिए छोड़ा गया था। प्रवक्ता ने बताया कि ये मिसाइलें भारतीय सैनिकों की ट्रेनिंग के तहत छोड़ी गईं। इन मिसाइलों को सैनिकों ने खुद डिपो से निकाला और इन्हें चला कर देखा। उल्लेखनीय है कि पांच दिनों पहले ही डीआरडीओ के वैज्ञानिकों ने दुश्मन की मिसाइलों को नष्ट करने वाली एंटी मिसाइल का सफल परीक्षण किया था। प्रवक्ता ने कहा कि इन मिसाइलों के सफल परीक्षणों से वैज्ञानिकों का मनोबल बढ़ा है। दोनों मिसाइल परीक्षणों को रक्षा मंत्री के वैज्ञानिक सलाहकार डॉ. वी.के. सारस्वत और अन्य वैज्ञानिकों ने देखा।

शुक्रवार, 12 नवंबर, 2010

[[चित्र:Tiger2.jpg|बाघ|thumb]] पिछली सदी में 39 हजार बाघ विलुप्त
एक अनुमान के मुताबिक सौ साल पहले भारत में बाघों की संख्या 40,000 थी। राष्ट्रीय बाघ संरक्षण ऑथारिटी के अनुसार सन 2002 के सर्वेक्षण में जहाँ बाघों की संख्या 3500 आंकी गई थी, वहीं 2008 में यह घटकर 1411 हो गई है। यानि कि अब भारत में मात्र 1411 बाघ बचे हैं। बताया जाता है कि पिछले पांच वर्षों में बाघों की संख्या में भारी गिरावट दर्ज़ की गई है। वन्य जीवों के लिए काम करने वालों का मानना है कि साल 2025 तक बाघों के विलुप्त हो जाने का खतरा है। बाघों की कुल आबादी के 40 फ़ीसदी बाघ भारत में पाए जाते हैं। भारत के 17 प्रदेशों में बाघों के 23 संरक्षित क्षेत्र हैं।

शुक्रवार, 19 नवंबर, 2010

लूला डी सिल्वा को इंदिरा गांधी शांति पुरस्कार thumb|250px|लुइज इनासियो लूला डी सिल्वा
Luiz Inacio Lula Da Silva
ब्राज़ील के पूर्व राष्ट्रपति लुइज इनासियो लूला डी सिल्वा को शुक्रवार 19 नवंबर, 2010 के प्रतिष्ठित इंदिरा गांधी शांति, निरस्त्रीकरण और विकास पुरस्कार के लिए चयनित किया गया। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की अध्यक्षता में एक अंतरराष्ट्रीय निर्णायक समिति ने इस पुरस्कार के लिए लूला डी सिल्वा का चयन किया है। इंदिरा गांधी मेमोरियल ट्रस्ट ने अपने एक बयान में कहा है कि लूला डी सिल्वा को यह पुरस्कार ब्राज़ील में भुखमरी खत्म करने में अभूतपूर्व योगदान देने, विकास को बढ़ावा देने, विकासशील देशों के साथ मजबूत रिश्तों की वकालत करने और भारत-ब्राज़ील के बीच व्यापक सहभागिता स्थापित करने के लिए दिया जा रहा है।

शुक्रवार, 4 फ़रवरी, 2011

अब बदल जाएगा इंटरनेट के काम करने का तरीक़ा thumb अब दुनिया भर में इंटरनेट के काम करने का तरीक़ा बदल जाएगा। दरअसल 4 फ़रवरी से अंकों के रूप में दिखने वाले आईपी (इंटरनेट प्रोटोकॉल) पते उपलब्ध नहीं होंगे, क्योंकि इस प्रकार के उपलब्ध सभी आईपी पते आवंटित किए जा चुके हैं। अब पुराने आईपी एड्रेस वर्जन-4 के स्थान पर एक नई प्रणाली इंटरनेट प्रोटोकॉल वर्जन-6 (आईपीवी6) उपयोग में लाई जाएगी। आईपीवी-4 की क्षमता सिर्फ़ 32 बिट थी, जबकि आईपीवी-6 की क्षमता को 128 बिट तक ले जाया गया है। इससे इंटरनेट की कार्यप्रणाली और मज़बूत होगी।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ


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