कुल

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Revision as of 13:08, 19 May 2011 by प्रियंका चतुर्वेदी (talk | contribs) ('{{पुनरीक्षण}} कुल ऐसा समूह है जिसके सदस्यों में रक्तस...' के साथ नया पन्ना बनाया)
(diff) ← Older revision | Latest revision (diff) | Newer revision → (diff)
Jump to navigation Jump to search
चित्र:Icon-edit.gif इस लेख का पुनरीक्षण एवं सम्पादन होना आवश्यक है। आप इसमें सहायता कर सकते हैं। "सुझाव"

कुल ऐसा समूह है जिसके सदस्यों में रक्तसंबंध हो, जो एक परंपरागत वंशानुक्रम बंधन को स्वीकार करते हों, भले ही ये मातृरेखीय हों या पितृरेखीय, पर जो वास्तविक पीढ़ियों के संबंधों को बतलाने में हमेशा असमर्थ रहें। एक कुल के व्यक्ति माता के कुल से अपनी अनुगतता बतलाते हैं तो ऐसे समूह का मातृकुल कहा जाता है।रक्तसंबंधी पीढ़ियों के संबंध को स्पष्ट रूप से बतला सकने वाले समूह को वंश कहा जाता है। मर्डाक ने कुल के लिए अंग्रेज़ी में 'सिब' शब्द का प्रयोग किया है। मर्डाक के पहले अन्य मानवशास्त्रियों ने सिब का अन्य अर्थों में भी प्रयोग किया था। वंश की तुलना में कुल शब्द की अस्पष्टता मर्डाक के 'सिब' शब्द के प्रयोग के अनुरूप ही हैं।

एक कुल के व्यक्ति पिता से अपनी अनुगतता बतलाते हैं तो ऐसे समूह को पितृकुल कहा जाता है। इसलिए ये दोनों समूह क्रमश: पितृरेखीय और मातृरेखीय कहलाते हैं। पितृकुलों में संपति के उत्तराधिकारी के नियम के अनुसार पिता से पुत्र को संपति का उत्तराधिकार मिलता है।

बहिर्विवाह

अन्य रक्तसंबंधी एकरेखीय समूहों की भाँति कुल में भी बहिर्विवाह के नियम का पालन होता हैं। सामान्य रूप से एक कुल में भी अनेक वंश होते हैं, इसीलिये कुल के बाहर विवाह करने का तात्पर्य वंश के बाहर भी विवाह करना है। कुछ समाजों में वंश होते हैं पर कुल नहीं होते और कुछ समाजों में वंश और कुल के बीच में उपकुल भी होते हैं।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ


वर्णमाला क्रमानुसार लेख खोज

                              अं                                                                                                       क्ष    त्र    ज्ञ             श्र   अः