धौलपुर

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धौलपुर नगर, पूर्वी राजस्थान राज्य, पश्चिमोत्तर भारत, चंबल नदी के ठीक उत्तर में स्थित है। यह धौलपुर ज़िले में आता है। पहले यह धौलपुर सामंती राज्य का हिस्सा था, जो 1949 में राजस्थान प्रदेश का हिस्सा बन गया। धौलपुर में एक अस्पताल और एक महाविद्यालय है। यहाँ पशुओं और घोड़ों का वार्षिक मेला भी लगता है।

स्थापना

11वीं शताब्दी में मूल नगर राजा धोलन देव ने बसाया था, पहले इसका नाम धवलपुर था, जो अपभ्रांशित होकर धौलपुर में बदल गया। वर्तमान नगर मूल नगर के उत्तर में बसा है, चंबल नदी की बाढ़ से बचने के लिये ऐसा किया गया।

इतिहास

मूल रूप से यह नगर ग्याहरवीं शताब्दी में राजा धोलन देव ने बसाया था। पहले इसका नाम धवलपुर था, अपभ्रंश होकर इसका नाम धौलपुर में बदल गया। वर्तमान नगर मूल नगर के उत्तर में बसा है। चंबल नदी की बाढ़ से बचने के लिये ऐसा किया गया। पहले धौलपुर सामंती राज्य का हिस्सा था, जो 1949 में राजस्थान प्रदेश का हिस्सा बन गया। धवल दे्व शासन के बाद इस शहर का निर्माण किया गया। इस शहर का निर्माण होने के बाद इस जगह को धौलपुर के नाम से जाना जाने लगा। 846 ईसवीं में यहाँ चौहान वंश्‍ा ने शासन किया था। धौलपुर विशेष रूप से बलुआ पत्थर के लिए जाना जाता है।

कृषि और खनिज

कृषि उपज वितरण का प्रमुख केंद्र धौलपुर उत्तर में आगरादिल्ली तथा दक्षिण में ग्वालियर से ग्रैंड ट्रंक रोड द्वारा जुड़ा है।

उद्योग और व्यापार

इस नगर में रेलवे कार्यशाला तथा उद्योगों में हथकरघा-गलीचा बुनाई व कांच का सामान बनाने की इकाइयां शामिल हैं।

जनसंख्या

2001 की जनगणना के अनुसार धौलपुर नगर की कुल जनसंख्या 92,137 है; और धौलपुर जिले की कुल जनसंख्या 9,82,815 है।

पर्यटन

यहाँ बनाई जाने वाली अधिकतर इमारतों का निर्माण इन बलुआ पत्थरों से ही किया जाता है। धौलपुर में कई मंदिर, क़िले, झील और महल है जहाँ घूमा जा सकता है। मचकुंद झील के चारों ओर अनेक मंदिर हैं और इसके तट पर वार्षिक धार्मिक मेले लगते हैं।


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