माता प्रसाद

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Revision as of 12:08, 3 July 2021 by रविन्द्र प्रसाद (talk | contribs) (''''माता प्रसाद''' (अंग्रेज़ी: ''Mata Prasad'', जन्म- 11 अक्टूबर, [...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
(diff) ← Older revision | Latest revision (diff) | Newer revision → (diff)
Jump to navigation Jump to search

माता प्रसाद (अंग्रेज़ी: Mata Prasad, जन्म- 11 अक्टूबर, 1924, जौनपुर, उत्तर प्रदेश; मृत्यु- 19 जनवरी, 2021) भारतीय राजनीतिज्ञ और अरुणाचल प्रदेश के भूतपूर्व राज्यपाल थे। उत्तर प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री नारायण दत्त तिवारी ने इन्हें अपने मंत्रिमंडल में 1988 से 1989 तक राजस्व मंत्री बनाया था। अपनी सादगी के लिए प्रसिद्ध माता प्रसाद पैदल और रिक्शे से चलते थे। वे साहित्यकार के रूप में भी जाने जाते रहे। उन्होंने एकलव्य खंडकाव्य, भीम शतक प्रबंध काव्य, राजनीति की अर्थ सतसई, परिचय सतसई, दिग्विजयी रावण जैसी काव्य कृतियों की रचना भी की थी।

परिचय

माता प्रसाद जी का जन्म जौनपुर जिले के मछलीशहर तहसील क्षेत्र के कजियाना मोहल्ले में 11 अक्टूबर, 1924 को हुआ था। साल 1942-1943 में मछलीशहर से उन्होंने हिंदी-उर्दू में मिडिल परीक्षा पास की। गोरखपुर के एक स्कूल से ट्रेनिंग के बाद वह यहां के मड़ियाहूं ब्लॉक क्षेत्र के प्राइमरी स्कूल बेलवा में सहायक अध्यापक के रूप में कार्यरत हुए। इस दौरान उन्होंने गोविंद, विशारद के अलावा हिंदी साहित्य की परीक्षा पास की। उन्हें लोकगीत और गाने का शौक था। इनकी कार्य कुशलता को देखते हुए इन्हें 1955 में जिला कांग्रेस कांग्रेस कमेटी का सचिव बनाया गया था।[1]

राजनीति

माता प्रसाद ने राजनीति में बाबू जगजीवन राम को अपना आदर्श माना। वह जौनपुर के शाहगंज (सुरक्षित) विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस के टिकट पर 1957 से 1974 तक लगातार पांच बार विधायक रहे। वह 1980 से 1992 करीब 12 वर्ष तक उत्तर प्रदेश विधान परिषद के सदस्य रहे। प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री नारायण दत्त तिवारी सरकार में वह राजस्व मंत्री रह चुके हैं। नरसिम्हा राव सरकार ने 21 अक्टूबर, 1993 को माता प्रसाद को अरुणाचल प्रदेश का राज्यपाल बनाया था।

साहित्यकार के रूप में पहचान

सादगी के लिए प्रसिद्ध माता प्रसाद पैदल और रिक्शे से चलते थे। वे साहित्यकार के रूप में भी जाने जाते रहे। उन्होंने एकलव्य खंडकाव्य, भीम शतक प्रबंध काव्य, राजनीति की अर्थ सतसई, परिचय सतसई, दिग्विजयी रावण जैसी काव्य कृतियों की रचना ही नहीं की वरन अछूत का बेटा, धर्म के नाम पर धोखा, वीरांगना झलकारी बाई, वीरांगना उदा देवी पासी, तड़प मुक्ति की, धर्म परिवर्तन प्रतिशोध, जातियों का जंजाल, अंतहीन बेड़ियां, दिल्ली की गद्दी पर खुसरो भंगी जैसे नाट्य भी लिखे थे।[2]

मृत्यु

माता प्रसाद को 19 जनवरी, 2021 को एसजीपीजीआई में गंभीर अवस्था में भर्ती कराया गया था। उन्हें जीवन रक्षक प्रणाली पर रखा गया, लेकिन चिकित्सकों के तमाम प्रयासों के बावजूद उन्हें बचाया नहीं जा सका।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. अरूणाचल प्रदेश के पूर्व राज्यपाल माता प्रसाद का निधन (हिंदी) navbharattimes.indiatimes.com। अभिगमन तिथि: 03 जुलाई, 2021।
  2. पूर्व राज्यपाल माता प्रसाद का निधन (हिंदी) hindi.asianetnews.com। अभिगमन तिथि: 03 जुलाई, 2021।

संबंधित लेख

  1. पुनर्प्रेषित साँचा:राज्यपाल, उपराज्यपाल व प्रशासक

वर्णमाला क्रमानुसार लेख खोज

                              अं                                                                                                       क्ष    त्र    ज्ञ             श्र   अः