उदपान
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उदपान महाभारतकाल में सरस्वती नदी के तट पर बसा एक तीर्थ था। उदपान सरस्वती अदृश्य थी किंतु आर्द्रता तथा वनस्पति के कारण इस नदी का पूर्वकाल में वहाँ होना सूचित होता था।[1]
टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ देखें शल्य पर्व महाभारत 35, 90