विरुपाक्ष मन्दिर

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Revision as of 11:19, 6 July 2011 by शिल्पी गोयल (talk | contribs) (श्रेणी:धार्मिक स्थल (को हटा दिया गया हैं।))
Jump to navigation Jump to search
चित्र:Icon-edit.gif इस लेख का पुनरीक्षण एवं सम्पादन होना आवश्यक है। आप इसमें सहायता कर सकते हैं। "सुझाव"

[[चित्र:Virupraksha-Temple-Hampi.jpg|विरुपाक्ष मंदिर, हम्पी|250px|thumb]] विरुपाक्ष मंदिर विश्व विरासत स्थल हम्पी में स्थित है। विरुपाक्ष मंदिर को पंपापटी मंदिर भी कहा जाता है, यह हेमकुटा पहाड़ियों के निचले हिस्से में स्थित है। हम्पी के कई आकर्षणों में से यह मुख्य है। 1509 में अपने अभिषेक के समय कृष्णदेव राय ने गोपुड़ा का निर्माण करवाया था। भगवान विठाला या भगवान विष्णु को यह मंदिर समर्पित है। 15वीं शताब्दी में निर्मित यह मंदिर बाज़ार क्षेत्र में स्थित है। यह नगर के सबसे प्राचीन स्मारकों में से एक है। मंदिर का शिखर ज़मीन से 50 मीटर ऊँचा है। मंदिर का संबंध विजयनगर काल से है। इस विशाल मंदिर के अंदर अनेक छोटे-छोटे मंदिर हैं जो विरूपाक्ष मंदिर से भी प्राचीन हैं। मंदिर के पूर्व में पत्थर का एक विशाल नंदी है जबकि दक्षिण की ओर भगवान गणेश की विशाल प्रतिमा है। यहाँ अर्ध सिंह और अर्ध मनुष्य की देह धारण किए नरसिंह की 6.7 मीटर ऊँची मूर्ति है।[1]

किंवदंती है कि भगवान विष्णु ने इस जगह को अपने रहने के लिए कुछ अधिक ही बड़ा समझा और अपने घर वापस लौट गए। विरुपाक्ष मंदिर भूमिगत शिव मंदिर है। मंदिर का बड़ा हिस्सा पानी के अन्दर समाहित है, इसलिए वहाँ कोई नहीं जा सकता। बाहर के हिस्से के मुक़ाबले मंदिर के इस हिस्से का तापमान बहुत कम रहता है।

पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

बाहरी कड़ियाँ

संबंधित लेख

वर्णमाला क्रमानुसार लेख खोज

                              अं                                                                                                       क्ष    त्र    ज्ञ             श्र   अः