पत्रलता

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Revision as of 11:21, 15 July 2011 by शिल्पी गोयल (talk | contribs) ('{{पुनरीक्षण}}पत्रलता भारतीय कला में एक सजावटी आकृति...' के साथ नया पन्ना बनाया)
(diff) ← Older revision | Latest revision (diff) | Newer revision → (diff)
Jump to navigation Jump to search
चित्र:Icon-edit.gif इस लेख का पुनरीक्षण एवं सम्पादन होना आवश्यक है। आप इसमें सहायता कर सकते हैं। "सुझाव"

पत्रलता भारतीय कला में एक सजावटी आकृति है, जिसमें एक कमल तथा कमल नाल दर्शाया जाता है। यह एक मीमांसा है, जिसमें जल को सारे जीवन का स्त्रोत माना जाता है। पत्रलता का प्रारंभिक भारतीय कला पर अत्यधिक प्रभाव है, और इसके स्पष्ट प्रतीकों में कमल सर्वाधिक महत्तपूर्ण है।

भारतीय सज्जा

प्राचीन समय से यह भारतीय सज्जा में सर्वाधिक प्रयुक्त आकृति रहा है। केंद्रीय लहरदार तने से निकलते फूलों वाली पत्रलता भरहुत (दूसरी शताब्दी ई.पू.) और सांची (पहली शताब्दी ई.पू.) के स्मारकों पर उकेरी हुई पाई गई है। शुरुआती स्मारकों में अपेक्षाकृत अधिक प्राकृतिक इस आकृति को उत्तरोत्तर रूढ़ शैली में अंकित किया जाने लगा, अंतत: जिसकी पराकाष्ठा समृद्ध, मोटी पर्णाकृति वाली आलंकारिक रचना में हुई, जो कमल के पौधे से बहुत कम समानता रखती है। भारत में पत्रलता इस्लामी कला में भी दिखाई देती है, जिसमें यह बेलबूटे की आकृतियों के साथ घुलमिल गई है।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

बाहरी कड़ियाँ

संबंधित लेख


वर्णमाला क्रमानुसार लेख खोज

                              अं                                                                                                       क्ष    त्र    ज्ञ             श्र   अः