देवी चन्द्र गुप्तम

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Revision as of 13:43, 5 January 2012 by रविन्द्र प्रसाद (talk | contribs) (''''देवी चन्द्र गुप्तम''' संस्कृत का एक लुप्त नाटक, जिस...' के साथ नया पन्ना बनाया)
(diff) ← Older revision | Latest revision (diff) | Newer revision → (diff)
Jump to navigation Jump to search

देवी चन्द्र गुप्तम संस्कृत का एक लुप्त नाटक, जिसके कतिपय अंश खोज में प्राप्त हुए हैं। इस नाटक का लेखक विशाखदत्त को माना जाता है। इस नाटक का कथानक चन्द्रगुप्त द्वितीय के बड़े भाई रामगुप्त के राज्यकाल से सम्बन्धित है।

  • रामगुप्त एक कायर तथा कुल कलंक साबित हुआ था।
  • वह अन्तिम शक छत्रप रुद्रसिंह के आक्रमण से अत्यधिक भयभीत हो गया था।
  • इस भय के कारण वह अपनी भार्या को रुद्रसिंह को भेंट करने को प्रस्तुत हो गया।
  • तब उसके कनिष्ठ भ्राता चन्द्रगुप्त द्वितीय ने शकराज की हत्या करके कुल गौरव की रक्षा की।
  • इसके बाद चन्द्रगुप्त द्वितीय ने बड़े भाई रामगुप्त का भी वध कर डाला और उसकी भार्या से विवाह कर लिया।
  • इस नाटक से विदित होता है कि गुप्त राजवंश में समुद्रगुप्त और चन्द्रगुप्त द्वितीय के बीच रामगुप्त भी सिंहासनारूढ़ हुआ था।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

भारतीय इतिहास कोश |लेखक: सच्चिदानन्द भट्टाचार्य |प्रकाशक: उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान |पृष्ठ संख्या: 210 |


संबंधित लेख

[[Category:]]

वर्णमाला क्रमानुसार लेख खोज

                              अं                                                                                                       क्ष    त्र    ज्ञ             श्र   अः