एक हवा के रास्ते सूरज वस्त्र वस्त्र जल सोख लेने पर उतारू है नदी के वास्ते यह भी एक ऋतु आई है. दो पहाड़ों ने रख दिया कतरा कतरा समुद्र घाटियों के हाथ नदी उठी चली पीहर ले उत्सवी सौगात. तीन रात भर दहकते रहे हैं बादल चार पग उतर क्यों नहीं आए तुम हवा के आंचल ही बांध भेज देते तनिक सी एक फुहार. चार हवा उड़ी ले विश्वासों के कुछ भीगे हिन्से युकिलिप्टस झर चला बस ताकता आकाश. (1978)
अशोक चक्रधर · आलोक धन्वा · अनिल जनविजय · उदय प्रकाश · कन्हैयालाल नंदन · कमलेश भट्ट कमल · गोपालदास नीरज · राजेश जोशी · मणि मधुकर · शरद जोशी · प्रसून जोशी · कुमार विश्वास · डॉ. तुलसीराम · रमाशंकर यादव 'विद्रोही' · बागेश्री चक्रधर