आज कितनी अच्छी धूप है ! -अजेय

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Revision as of 15:28, 10 January 2012 by प्रकाश बादल (talk | contribs) ('{| style="background:transparent; float:right" |- | {{सूचना बक्सा कविता |चित्र=Ajey.JPG |चि...' के साथ नया पन्ना बनाया)
(diff) ← Older revision | Latest revision (diff) | Newer revision → (diff)
Jump to navigation Jump to search
आज कितनी अच्छी धूप है ! -अजेय
कवि अजेय
जन्म स्थान (सुमनम, केलंग, हिमाचल प्रदेश)
बाहरी कड़ियाँ आधिकारिक वेबसाइट
इन्हें भी देखें कवि सूची, साहित्यकार सूची
अजेय् की रचनाएँ

छतों पर खींद रख दिए गए हैं सूखने के लिए
भेड़ें, गऊएं गाँव से दूर निकल चलीं हैं
सप्ताह भर की बारिश ने
खूब नरम पत्तियाँ उगाईं होंगीं
(हालाँकि हरियाली दिख नहीं रही है इस ऊँचाई से )
आज धूप कितनी अच्छी है !

बुज़ुर्ग अलसा रहे हैं आँगन की सलेटों पर
अधेड़ औरतें छज्जों पर बतियाती बाल सुखा रहीं हैं
बच्चे कक्षाओं में लौट रहे प्रार्थना खत्म कर
उतर रहे युवक पीठ पर झोले लाद
और दयार के स्लीपर
युवतियाँ भी –
दूध की कैनियाँ , बालन की गठड़ियाँ
गाँव की निचली ढलान पर
जहाँ बचा रह गया है थोड़ा सा जंगल
फिर नीचे ढाल पुर में तो बाज़ार ही बाज़ार है.....

आज क्या कुछ बिकेगा ?
गुच्छियाँ
बोदि के फूल
चरस और थरड़े की थैलियाँ
कितना मुनाफा होगा ..... आज बहुत अच्ची धूप है !

प्रार्थना से लौटते किसी एक बच्चे ने
ज़रूर सोचा होगा आज
कि क्यों गिरता जा रहा पहाड़
ढलान दर ढलान
टूट कर बिखरता जा रहा पहाड़
कि खूब कस कर पकड़ रक्खूँ
अपने पहाड़ को
अपनी नन्ही मुट्ठियों में ....
आज कितनी अच्छी धूप है !
2003


टीका टिप्पणी और संदर्भ

संबंधित लेख

वर्णमाला क्रमानुसार लेख खोज

                              अं                                                                                                       क्ष    त्र    ज्ञ             श्र   अः