राप्ती नदी
राप्ती नदी / इरावती
- पूर्व-उत्तर प्रदेश की राप्ती का भी प्राचीन नाम इरावती था।
- यह नदी कुशीनगर के निकट बहती थी। जैसा कि बुद्धचरित [1] के उल्लेख से सूचित होता है-
'इस तरह कुशीनगर आते समय चुंद के साथ तथागत ने इरावती नदी पार की और स्वयं उस नगर के एक उपभवन में ठहरे जहां कमलों से सुशोभित एक प्रशान्त सरोवर स्थित था।'
- अचिरावती या अजिरावती इरावती के वैकल्पिक रूप हो सकते हैं।
- बुद्धचरित के चीनी-अनुवाद में इस नदी के लिए 'कुकु' शब्द है जो पाली के कुकुत्था का चीनी रूप है।
- बुद्धचरित [2] में वर्णन है कि निर्वाण के पूर्व गौतम बुद्ध ने हिरण्यवती नदी में स्नान किया था जो कुशीनगर के उपवन के समीप बहती थी। यह इरावती या राप्ती की ही एक शाखा जान पड़ती है।
- स्मिथ के विचार में यह गंडक है जो ठीक नहीं जान पड़ता।
- बुद्धचरित [3] के अनुसार बुद्ध की मृत्यु के पश्चात मल्लों ने उनके शरीर के दाहसंस्कार के लिए हिरण्यवती नदी को पार करके मुकुटचैत्य के नीचे चिता बनाई थी।
- संभव है महाभारत [4] का वारवत्या भी राप्ती ही हो।