महेश्वरी साड़ी

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Revision as of 11:38, 20 November 2012 by रविन्द्र प्रसाद (talk | contribs) (''''महेश्वरी साड़ी''' मध्य प्रदेश के [[महेश्वर (मध्य प्र...' के साथ नया पन्ना बनाया)
(diff) ← Older revision | Latest revision (diff) | Newer revision → (diff)
Jump to navigation Jump to search

महेश्वरी साड़ी मध्य प्रदेश के महेश्वर में स्त्रियों द्वारा प्रमुख रूप से पहनी जाती है। पहले केवल सूती साड़ियाँ ही बनाई जाती थीं, लेकिन धीरे-धीरे इसमें सुधार आता गया और उच्च गुणवत्ता वाली रेशमी साड़ियाँ आदि भी बनाई जाने लगीं।

इतिहास

महेश्वरी साड़ियों का इतिहास लगभग 250 वर्ष पुराना है। होल्कर वंश की महान शासक देवी अहिल्याबाई होल्कर ने महेश्वर में सन 1767 में कुटीर उद्योग स्थापित करवाया था। गुजरात एवं भारत के अन्य शहरों से बुनकरों के परिवारों को उन्होंने यहाँ लाकर बसाया तथा उन्हें घर, व्यापार आदि की सुविधाएँ प्रदान कीं। पहले केवल सूती साड़ियाँ ही बनाई जाती थीं, परन्तु बाद के समय में सुधार आता गया तथा उच्च गुणवत्ता वाली रेशमी तथा सोनेचांदी के धागों से बनी साड़ियाँ भी अब बनाई जाने लगीं।

वर्गीकरण

साड़ियों में प्रयुक्त सामग्री एवं उसकी गुणवत्ता के आधार पर महेश्वरी साड़ियों का निम्न प्रकार से वर्गीकरण किया जाता है-

  1. नीम रेशमी
  2. शुद्ध रेशमी (मालाबार रेशम) - बनारसी एवं कांजीवरम साड़ियों जैसी
  3. कतान साड़ी - चंदेरी साड़ियों के समान
  4. टिश्यू साड़ी

महेश्वरी साड़ियाँ उनके किनारे के प्रिंट के अनुसार भी वर्गीकृत की जाती हैं। इसके अतिरिक्त स्कार्फ, दुपट्टा, सलवार कुर्ता आदि भी बनाए जाते हैं। वर्तमान में लगभग 1000 परिवार इस कुटीर उद्योग से जुड़े हुए हैं।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

संबंधित लेख

वर्णमाला क्रमानुसार लेख खोज

                              अं                                                                                                       क्ष    त्र    ज्ञ             श्र   अः