पवनार आश्रम

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Jump to navigation Jump to search

[[चित्र:Vinova_samadhi_pawnar.JPG|विनोबा भावे समाधि स्थल पवनार|thumb|250px]] पवनार आश्रम यावात्माल-नागपुर उच्च मार्ग से सटे है . करीब १५ एकड़ की जमीन पर बना यह आश्रम तमाम तरह की प्राकृतिक विविधता अपने में समेटे है. कृत्रिमता से कोसों दूर. सब कुछ असली. बनावटी दुनिया के जामने में असली की बात हो तो आकर्षण तो होगा ही. शायद इसी कारण यहाँ आने वाले लोगों में सबसे अधिक पढ़े लिखे लोग ही होते हैं.

  • भूदान आन्दोलन के प्रणेता विनोबा जी द्वारा स्थापित है यह आश्रम. विनोबा जी ने महिलाओं के लिए खास तौर से यह आश्रम बनवाया था. वैसी महिलाएं, जो मीराबाई की तरह अपने को साध्वी जीवन में रखना चाहती हैं, उनके लिए.
  • आश्रम की महिलाएं इसे आश्रम नहीं ब्रह्म विद्या मंदिर कहती हैं. पल्लवी असाम से हैं.
  • विनोबा जी की समाधी वाले कमरे के बहार एक प्रौढ़ा मैं जयप्रकाश नारायण की दत्तक पुत्री है- मनोरमा.
पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ


बाहरी कड़ियाँ

संबंधित लेख


वर्णमाला क्रमानुसार लेख खोज

                              अं                                                                                                       क्ष    त्र    ज्ञ             श्र   अः