सम्पादन- आधुनिक हिंदी लघुकथाएँ, कुण्डलिया छंद के सात हस्ताक्षर, कुण्डलिया कानन
अनगिनत दुःशासन चीरहरण करते वसुधा का, आँचल रोज सिमटता जाता, मधुसूदन, तुम कब आओगे ? कालियदह हर घाट बन गया भारत की सारी नदियों का, पग-पग पर विषधर-समूह जीवन-सरिता में जहर मिलाता, मधुसूदन, तुम कब आओगे ? वंशज कई पूतना के सक्रिय हो गए, पय की बूँद-बूँद में मौत घोलते हाय, विधाता ! मधुसूदन, तुम कब आओगे ? खण्ड खण्ड पर्वत-मालाएं हे गिरिधर ! दिन-रात हो रहीं, वायुमण्डल घुटन भरा मन को अकुलाता, मधुसूदन, तुम कब आओगे ?
अशोक चक्रधर · आलोक धन्वा · अनिल जनविजय · उदय प्रकाश · कन्हैयालाल नंदन · कमलेश भट्ट कमल · गोपालदास नीरज · राजेश जोशी · मणि मधुकर · शरद जोशी · प्रसून जोशी · कुमार विश्वास · डॉ. तुलसीराम · रमाशंकर यादव 'विद्रोही' · बागेश्री चक्रधर