ठाकुर प्यारेलाल सिंह

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Revision as of 11:12, 1 February 2015 by रविन्द्र प्रसाद (talk | contribs) (''''ठाकुर प्यारेलाल सिंह''' (अंग्रेज़ी: ''Thakur Pyarelal Singh'' ; जन्म...' के साथ नया पन्ना बनाया)
(diff) ← Older revision | Latest revision (diff) | Newer revision → (diff)
Jump to navigation Jump to search

ठाकुर प्यारेलाल सिंह (अंग्रेज़ी: Thakur Pyarelal Singh ; जन्म- 21 दिसम्बर, 1891, राजनांदगांव, छत्तीसगढ़; मृत्यु- 22 अक्टूबर, 1954) छत्तीसगढ़ में 'श्रमिक आंदोलन' के सूत्रधार तथा 'सहकारिता आंदोलन' के प्रणेता थे। सन 1920 में राजनांदगांव में मिल मजदूरों ने हड़ताल की थी, जो 37 दिनों से भी ज़्यादा चली थी और मिल अधिकारियों को मजदूरों की सभी मांगें मंजूर करनी पड़ी थीं। वह हड़ताल ठाकुर प्यारेलाल के नेतृत्व में हुई थी। ठाकुर प्यारेलाल 1920 में वे पहली बार महात्मा गाँधी के संपर्क में आए थे। असहयोग आन्दोलन एवं सत्याग्रह आन्दोलन में उन्होंने भाग लिया तथा गिरफ़्तार होकर जेल भी गए। वर्ष 1945 में छत्तीसगढ़ के बुनकरों को संगठित करने के लिए उनके नेतृत्व में 'छत्तीसगढ़ बुनकर सहकारी संघ' की स्थापना हुई थी। प्रवासी छत्तीसगढ़ियों को शोषण एवं अत्याचार से मुक्त कराने की दिशा में वे सदा सक्रिय रहे।

जन्म

छत्तीसगढ़ में श्रमिक आंदोलन के सूत्रधार ठाकुर प्यारेलाल सिंह का जन्म 21 दिसम्बर, 1891 ई. को छत्तीसगढ़ में राजनांदगांव ज़िले के 'दैहान' नामक ग्राम में हुआ था। इनके पिता का नाम दीनदयाल सिंह तथा माता का नाम नर्मदा देवी था।

शिक्षा

ठाकुर प्यारेलाल की प्रारम्भिक शिक्षा राजनांदगांव तथा रायपुर में हुई। हाईस्कूल के लिए उन्हें रायपुर आना पड़ा था। सन 1909 में उन्होंने मैट्रिक की परीक्षा उत्तीर्ण की थी। इसके बाद 1913 में उन्होंने नागपुर से बी.ए. पास किया। नागपुर तथा जबलपुर से उन्होंने उच्च शिक्षा प्राप्त की थी और फिर 1916 में वकालत की परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद वकालत प्रारम्भ कर दी।[1]

बाल्यकाल से ही आप मेधावी तथा राष्ट्रीय विचारधारा से ओत-प्रोत थे। ठाकुर प्यारेलाल सोलह वर्ष की उम्र से ही स्वदेशी कपड़े पहनने लगे थे। उस वक्त वे कुछ क्रांतिकारियों से मिले थे जो बंगाल के थे। तबसे उन्होंने ठान लिया था कि देश सेवा ही उनके जीवन का मकसद होगा। सन् 1909 में जब प्यारेलाल सिर्फ उन्नीस साल के थे, उसी वक्त राजनांदगांव में सरस्वती वाचनालय की स्थापना की। वहां अखबार पढ़कर लोगों को देश की समस्याओं के बारे में जानकारी हासिल करने के लिए उत्साहित किया जाता था।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. ठाकुर प्यारेलाल सिंह (हिन्दी) इग्निका। अभिगमन तिथि: 01 फ़रवरी, 2015।

बाहरी कड़ियाँ

संबंधित लेख

  1. REDIRECTसाँचा:स्वतन्त्रता सेनानी


वर्णमाला क्रमानुसार लेख खोज

                              अं                                                                                                       क्ष    त्र    ज्ञ             श्र   अः