क्षणिकाएँ -किरण मिश्रा

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क्षणिकाएँ -किरण मिश्रा
पूरा नाम डॉ. किरण मिश्रा
जन्म 12 अक्टूबर, 1980
जन्म भूमि अंबिकापुर, छत्तीसगढ़
मुख्य रचनाएँ समाजशास्त्र: एक परिचय
भाषा हिन्दी
शिक्षा परास्नातक (समाजशास्त्र)
पुरस्कार-उपाधि माटी साहित्य सम्मान (2013), सरस्वती सम्मान (2012), निरालाश्री पुरस्कार (2015) आदि
नागरिकता भारतीय
इन्हें भी देखें कवि सूची, साहित्यकार सूची
किरण मिश्रा की रचनाएँ

बांसुरी के धुन की तरह
हौले -हौले तुम मुझ में समा गए
मुझे लगा जैसे सहरा में 
एक टुकड़ा मिला हो छांव का
तुमने एक मीठा सा सवाल किया
तो नन्हा सा जवाब बन 
महक गया मन
 
वो आज भी मेरे ज़ेहन में है
एक किताब की तरह
कि हर बार पलटती हूँ उसके पन्ने
खिचती हूँ लाईन अपने पसंद के पैराग्राफ पर
पर उसमे कुछ नया नहीं जोड़ पाती
 
जब चलते चलते
तुम थक जाओ
और किसी राह पर रुक जाओ
तो देख लेना 
वहाँ पर जो तेरे साथ है 
यक़ीनन वो तेरा साया ही होगा

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टीका टिप्पणी और संदर्भ

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