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कड़वा/कड़ुआ/कड़ुवा। क्रोधी या चिड़चड़ा। जैसे-कड़वा स्वभाव। कड़वी-विशेषण (स्त्रीलिंग) जिसका स्वाद कड़वा हो। (लाक्षणिक) अप्रिय। जैसे-कड़वी बातें। क्रोधी या चिड़चिड़ी। (वाणिज्य- कड़वा घूँट- अरुचिकर काम। अप्रिय/कष्टकर बात। कड़वा घूँट पीना।) कष्टदायक बात को सहन कर लेना। हानि/अन्याय/अपमान जिसे किसी कारण चुपचाप सहना पड़े। कड़वा जहर-बहुत कड़वे स्वाद वाला। कड़वा बोल बोलना-कठोर बात या दुर्वचन कहना। कड़वा लगना-(कही हुई बात) बुरी लगना। कड़वा वचन-दुर्वचन। कड़वा होना- अप्रिय बात कहना या कटुभाषी होना। कड़वी।
अपभ्रंश के प्रबन्ध-काव्यों में सन्धियों की आधारभूत रचना जिसमें सामान्यत: 8 यमक और 16 पंक्तियाँ होती हैं और अन्त में 'धत्ता' होता है। प्रबन्ध-काव्य अनेक सन्धियों में बद्ध होता है, एक सन्धि में अनेक कड़वक होते हैं और दो कड़वकों के बीच में 'धत्ता' होता है। जबान/बात-अप्रिय बात। कड़वा तेल (पुल्लिंग) = सरसों का तेल। तिलों के तेल को 'मीठा तेल' कहते हैं।