संयुक्त पाणिनिकालीन भारतवर्ष में ससुराल के संबंधियों को कहते थे।[1]
- पाणिनि ने श्वसुर-श्वश्रू[2], श्वसुर्य (=श्वसुर पुत्र) को संयुक्त कहा है।[3][4]
- REDIRECTसाँचा:इन्हें भी देखें
टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ 6/2/133 काशिका, संयुक्ता: स्त्री संबंधिन: शयालादय:
- ↑ 1/2/71
- ↑ 4/1/137
- ↑
पाणिनीकालीन भारत |लेखक: वासुदेवशरण अग्रवाल |प्रकाशक: चौखम्बा विद्याभवन, वाराणसी-1 |संकलन: भारतकोश पुस्तकालय |पृष्ठ संख्या: 109 |
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