आयलर संख्याएँ

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Revision as of 12:02, 14 June 2018 by यशी चौधरी (talk | contribs) (''''आयलर संख्याएँ''' आयलर (ऑयलर) संख्याओं का नाम जर्मन ग...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
(diff) ← Older revision | Latest revision (diff) | Newer revision → (diff)
Jump to navigation Jump to search

आयलर संख्याएँ आयलर (ऑयलर) संख्याओं का नाम जर्मन गणितज्ञ लियोनार्ड ऑयलर के नाम पर रखा गया है। ये संख्याएँ आयलर बहुपदों (पॉलीनोमियल्स) से उत्पन्न होती हैं:

यदि चित्र:Euler-1.gif
जहाँ ई नेपरीय लघुगणकों का आधार है और

आ0न (य) = यन,

तो आ0न(य) को घात न और वर्ण (ऑर्डर) शून्य का आयलर बहुपद कहते हैं।

वर्ण स के आयलर बहुपदों की परिभाषा यह है: चित्र:Euler-2.gif य =1/2स रखने से २नआन() (य) के जो मान प्राप्त होते हैं, उन्हें वर्ण स की आयलर संख्याएँ आन() कहते हैं। विषम प्रत्यय (साफ़िक्स) की समस्त आयलर संख्याएँ शून्य हो जाती हैं।

इस प्रकार आन (स)=२ आन(स) (1/2स)।

आन (१)(स) के लिए हम आन(स) लिखते हैं। चित्र:Euler-3.gif

हम जानते हैं कि का पुनर्विन्यास करके य२प के गुणांक को श्रेणी 1/4p व्युकाे 1/2 pय के पद य२प के गुणांक के समान रखने से हमें यह प्राप्त होगा: चित्र:Euler-4.gif
इस संबंध से स्पष्ट है कि आयलर संख्याएँ बराबर बढ़ती जाती हैं और प्रत्येक संख्या का चिन्ह बदलता जाता है, अर्थात्‌ वे क्रमानुसार घनात्मक और ऋणात्मक होती हैं।[1]

का मान सारणिक के रूप में होता है। चित्र:Euler-5.gif

बर्नूली संख्याओं की भाँति आयलर संख्याएँ भी सांख्यिकी स्टैटिस्टिक्स) में अंतर्वेशन (इंटरपोलेशन) में प्रयुक्त होती हैं।[2]


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. हिन्दी विश्वकोश, खण्ड 1 |प्रकाशक: नागरी प्रचारिणी सभा, वाराणसी |संकलन: भारत डिस्कवरी पुस्तकालय |पृष्ठ संख्या: 399-400 |
  2. सं.ग्रं.-मिल्न-टॉमसन: कैल्क्युलस ऑव फ़ाइनाइट डिफ़रेंसेज़।

संबंधित लेख

वर्णमाला क्रमानुसार लेख खोज

                              अं                                                                                                       क्ष    त्र    ज्ञ             श्र   अः