शरतचंद्र दास

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Revision as of 10:43, 15 July 2018 by रविन्द्र प्रसाद (talk | contribs) (''''शरतचंद्र दास''' ( जन्म- 1849, बंगाल, मृत्यु- 1917) एक साहस...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
(diff) ← Older revision | Latest revision (diff) | Newer revision → (diff)
Jump to navigation Jump to search

शरतचंद्र दास ( जन्म- 1849, बंगाल, मृत्यु- 1917) एक साहसी गैर तिब्बती व्यक्ति थे जिन्होंने तिब्बत जाने का दुस्साहस किया और लोगों को तिब्बत और उसकी राजधानी ल्हासा के विषय में जानकारी दी थी।

परिचय

साहस करके पहली बार भारत से तिब्बत जाने वाले गैर तिब्बती शरद चंद्र दास का जन्म 1849 ई. में बंगाल में एक निर्धन परिवार में हुआ था। उन्होंने अपना जीवन एक साधारण अध्यापक के रूप में आरंभ किया। परंतु उनके अंदर ज्ञान अर्जित करने तथा दुस्साहसिक कार्य करने की बड़ी लगन थी। इसी प्रेरणा से वे 1879 में उस समय तिब्बत गए जब किसी भी गैर तिब्बती का वहां जाना निषिद्ध था। वे आधुनिक युग के लोगों को तिब्बत और उसकी राजधानी ल्हासा के बारे में सूचना देने वाले पहले व्यक्ति थे। [1]

दुस्साहसिक कार्य

शरतचंद्र दास को दुस्साहसिक कार्य करने में बड़ा आनंद आता था। तिब्बत और उसकी राजधानी ल्हासा के बारे में जानने के लिये उन्होंने (गैर तिब्बती का वहां प्रवेश निषिद्ध होते हुये भी) तिब्बत में प्रवेश किया और लोगों को वहाँ की जानकारी दी थी। 1881 में वे पुन: तिब्बत गए। उन्होंने तिब्बती भाषा सीखी और एक तिब्बती ग्रंथ का अंग्रेजी में अनुवाद किया। दास की दूसरी अंग्रेजी पुस्तक 'इंडियन पंडित्स इन लैंड ऑफ स्नो' (हिमाच्छादित देश में भारतीय पंडित) से दुनिया यह जान सकी कि मध्य युग में किस प्रकार भारतीय बौद्ध भिक्षु तिब्बत गए और वहां उन्होंने बौद्ध धर्म तथा भारतीय संस्कृति का प्रचार किया।

मृत्यु

शरतचंद्र दास का 1917 ई. में निधन हो गया।



पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. भारतीय चरित कोश |लेखक: लीलाधर शर्मा 'पर्वतीय' |प्रकाशक: शिक्षा भारती, मदरसा रोड, कश्मीरी गेट, दिल्ली |पृष्ठ संख्या: 831 |

बाहरी कड़ियाँ

संबंधित लेख


वर्णमाला क्रमानुसार लेख खोज

                              अं                                                                                                       क्ष    त्र    ज्ञ             श्र   अः