नाग प्रक्षेपास्त्र

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नाग प्रक्षेपास्त्र (अंग्रेज़ी: Nag Missile) 'दागो और भूल जाओ' श्रेणी की तीसरी पीढ़ी का भारत द्वारा स्वदेशीय निर्मित, टैंक भेदी प्रक्षेपास्त्र है। यह उन पाँच मिसाइल प्रणालियों में से एक है जो भारत के रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन द्वारा एकीकृत निर्देशित मिसाइल विकास कार्यक्रम के तहत विकसित की गई है।

  • नाग की रेंज 8 किलोमीटर है। यह कई लक्ष्यों पर निशाना साधने में सक्षम है।
  • यह फायर एडं फोरगेट श्रेणी की मिसाइल है।
  • इसके दागे जाने के बाद रोक पाना संभव नहीं है।
  • नाग मिसाइल का वजन 42 किलोग्राम है।
  • यह अपने साथ आठ किलोग्राम विस्फोटक लेकर चल सकती है।
  • नाग मिसाइल की गति 230 मीटर प्रति सेकेंड है।
  • 28 फ़रवरी, 2018 को भारत ने स्वदेश निर्मित एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल (ATGM) ‘नाग’ का सफल परीक्षण किया था। यह परीक्षण राजस्थान के मरुस्थल में अलग-अलग रेंज और समय में दो टैंकों पर सफलतापूर्वक किया गया।
  • डीआरडीओ के सूत्रों ने बताया कि इस मिसाइल की कई खूबियां हैं। यह मिसाइल इमेज के जरिए संकेत मिलते ही लक्ष्य को भाप लेती है और दुश्मन के टैंक का पीछा करते हुए उसे तबाह कर देती है।
  • सबसे बड़ी बात यह है कि इस हल्की मिसाइल को पहाड़ी पर या एक जगह से दूसरी जगह मैकेनाइज्ड इन्फेंट्री कॉम्बैट व्हीकल के जरिए कहीं भी ले जाया जा सकता है।
  • मिसाइल को विकसित करने में अब तक 350 करोड़ से ज्यादा का बजट लग चुका है। इसकी खासियत है कि यह दिन और रात दोनों वक्त में काम करती है।
  • इस मिसाइल को 10 साल तक बिना किसी रख-रखाव के इस्तेमाल किया जा सकता है।
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