अरुंधति काटजू

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thumb|250px|अरुंधति काटजू अरुंधति काटजू (अंग्रेज़ी: Arundhati Katju, जन्म- 19 अगस्त, 1982) भारतीय अधिवक्ता (वकील) हैं। उन्होंने समलैंगिक संबंधों को अपराध मानने वाली धारा 377 खत्म करवाने में अहम भूमिका निभाई थी।

  • अरुंधति काटजू ने 158 साल पुराने कानून को चुनौती देने वाली नवतेज सिंह जौहर बनाम भारत संघ की याचिका में कोर्ट में पैरवी की।
  • अप्रॅल 2019 में टाइम मैग्जीन ने अरुंधति काटजू को दुनिया की 100 सर्वाधिक प्रभावशाली शख्सियतों में शामिल किया था।
  • वह उच्चतम न्यायलय के पूर्व न्यायाधीश मार्कण्डेय काटजू की भतीजी हैं।[1]
  • अरुंधति काटजू इलाहाबाद में जन्मी हैं। 2005 में बीए., एलएलबी करने के बाद देश में 11 साल वकालत की।
  • 2017 में कोलंबिया लॉ स्कूल से अरुंधति काटजू ने एलएलएम किया।
  • वह एलजीबीटी (LGBT) के अधिकारों की पैरोकार हैं, खुद भी अपने संबंधों पर मुखर हैं।
  • वर्ष 2019 में उन्होंने मेनका गुरुस्वामी से रिश्ता स्वीकार किया था।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. बुलंदियों को छूने वाली 21 महिलाओं की कहानी (हिंदी) bhaskar.com। अभिगमन तिथि: 09 मार्च, 2020।

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