अयुग-गल

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अयुग-गल (विशेषण) [न. त.]

1. पृथक्, अकेला
2. ऊबड़-खाबड़, विषम


सम.-अर्चिस् (अयुगार्चिस्) (पुल्लिंग) आग,-नेत्रः,-नयनः,-शरः (पुल्लिंग) अयुग्म के अन्तर्गत,-सप्तिः (पुल्लिंग) सात घोड़ों वाला, सूर्य[1]


  1. REDIRECTसाँचा:इन्हें भी देखें


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश |लेखक: वामन शिवराम आप्टे |प्रकाशक: कमल प्रकाशन, नई दिल्ली-110002 |पृष्ठ संख्या: 97 |

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