आख्यायिका

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आख्यायिका (स्त्रीलिंग) [आख्यायक+टाप् इत्वम्]

  • 'गद्य' रचना का नमूना, सुसंगत कहानी,-आख्यायिका कथा-वत्स्यात्कवेर्वशादिकीर्तनम्, अस्यामन्यकबीनां च वृत्तं गद्यं क्वचित् क्वचित्, कथांशानां व्यवच्छेद आश्वास इति बध्यते। आर्यावक्त्रापवक्त्राणां छन्दसां येन केनचित्। अन्यापदेशेनाश्वांसमुखे भाव्यर्थ-सूचनम्[1], (साहित्य शास्त्र के लेखक 'गद्य रचना' को प्रायः दो (कथा और आख्यायिका) भागों में बाँटते हैं, वह बाण के हर्षचरित की 'आख्यायिका' तथा कादम्बरी को 'कथा' के नाम से पुकारते हैं। दण्डी इस प्रकार के भेद को स्वीकार नहीं करता[2]-तत्कथाख्यायिकेत्येका जातिः संज्ञाद्वयांकिता ॥[3]


  1. REDIRECTसाँचा:इन्हें भी देखें


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. -सा.द. 568
  2. -काव्या. 1/28
  3. संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश |लेखक: वामन शिवराम आप्टे |प्रकाशक: कमल प्रकाशन, नई दिल्ली-110002 |पृष्ठ संख्या: 150 |

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